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Written By गायत्री शर्मा

लेजर तकनीक से निकालें अनचाहे बाल

हेयर रिमूविंग के लिए लेजर ट्रीटमेंट

लड़की
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हर लड़की सुंदर व आकर्षक दिखना चाहती है और आजकल जहाँ सौंदर्य प्रतियोगिताएँ व फैशन शो का दौर है तो क्यों न एक आम लड़की की ख्वाहिश भी मॉडलों की तरह सुंदर दिखने की होगी? अब वह दौर गया जब लड़कियाँ शादी के बाद अपने सौंदर्य के प्रति लापरवाह हो जाती थीं।

अब बदलते दौर के साथ युवा लड़कियों और महिलाओं की सोच में भी बदलाव आया है। अब वे अपने स्वास्थ्य व सौंदर्य को लेकर पहले से ज्यादा गंभीर हो गई हैं तथा ब्यूटी पार्लर अब उनको खोजने के स्थायी ठिकाने बन गए हैं। इसमें कोई बुरी बात नहीं है क्योंकि हर किसी को हक है कि वह सुंदर दिखे।

सुंदर दिखने के लिए केवल चेहरे का सुंदर होना ही काफी नहीं है। इसके ‍लिए आपके बदन का छरहरा व खूबसूरत होना भी बेहद आवश्यक है। आपका व्यक्तित्व तभी प्रभावशाली होगा, जब आप सिर से लेकर पैरों तक खूबसूरत होंगी।

  यह तकनीक 'सिलेक्टिव फोटोथर्मोलिसिस' के सिद्धांत पर कार्य करती है, जिसका टार्गेट बालों की जड़ों में मौजूद 'मेल्निन' होता है। हमारी त्वचा के बालों में मौजूद मेल्निन लेजर किरणों को सोख लेता है, जिससे बाल उगाने वाले हेयर सेल्स खत्म हो जाते हैं।      
कैसे हटाएँ अनचाहें बाल :-
हाथ और पैरों पर उगने वाले अनचाहे बाल महिलाओं की एक आम परेशानी होती है, जिनको हटाने के लिए वे घरेलू पैक, वैक्स आदि कई प्रकार के उपाय करती हैं किंतु कुछ समय बाद वे फिर से उगना शुरू हो जाते हैं। इसी परेशानी से बचने के लिए अक्सर महिलाएँ वैक्स करती हैं।

वैक्स बालों को हटाने की एक सुरक्षित तकनीक है परंतु यह केवल कुछ हफ्तों तक ही कारगर रहती है। आज लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का जमाना है। अब वैक्स की जगह 'लेजर तकनीक' आ गई है, जिससे त्वचा के अनचाहे बालों को हटाकर आप लंबे समय तक सौंदर्यवान बने रह सकते हैं।

लेजर तकनीक बालों को स्थायी रूप से हटाने की एक कारगर किंतु महँगी तकनीक है। इसकी लगभग तीन-चार सिटिंग से अनचाहे बालों से हमेशा के लिए निजात पाई जा सकती है। लेजर हेयर रिमूवल तकनीक हाथ, पैर व अंडरआर्म्स के बालों को हटाने के लिए बेहद ही कारगर है।

क्या होती है लेजर तकनीक :-
लेजर तकनीक में त्वचा पर एक विशेष प्रकार की लेजर किरणों को डाला जाता है, जिसकी गर्मी बाल उगाने वाले हेयर सेल्स को खत्म कर देती है। हमारे यहाँ 'डायोड' व 'एनडी-याग' लेज़र तकनीक का चलन अधिक है।

यह तकनीक 'सिलेक्टिव फोटोथर्मोलिसिस' के सिद्धांत पर कार्य करती है, जिसका टार्गेट बालों की जड़ों में मौजूद 'मेल्निन' होता है। हमारी त्वचा के बालों में मौजूद मेल्निन लेजर किरणों को सोख लेता है, जिससे बाल उगाने वाले हेयर सेल्स खत्म हो जाते हैं और बाल नहीं उगते हैं या बहुत ही कम मात्रा में उगते हैं।

क्या रखें सावधानी :-
* लेजर ट्रीटमेंट कराने के लिए हमेशा इसके एक्सपर्ट का ही चयन करें।
* लेजर की एक से दूसरी सिटिंग के बीच लगभग चार से छ: हफ्ते का अंतराल होना चाहिए।