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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 13 जून 2025 (14:03 IST)

क्या होता है फ्लाइट का DFDR? क्या इस बॉक्स में छुपा होता है हवाई हादसों का रहस्य

dfdr full form in aviation
what is the importance of dfdr in a airplane: क्या आपने कभी सोचा है कि जब कोई हवाई जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, तो जांचकर्ता इतनी सटीकता से कैसे पता लगा पाते हैं कि क्या हुआ था? इसका रहस्य एक विशेष उपकरण में छिपा है, जिसे आमतौर पर ब्लैक बॉक्स के नाम से जाना जाता है। हालांकि, इसका असली नाम फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) है, और इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) है। आइए जानते हैं कि यह क्या है और हवाई सुरक्षा में इसकी क्या भूमिका है।

DFDR क्या है?
DFDR, यानी डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, विमान के "ब्लैक बॉक्स" का एक अनिवार्य घटक है। यह एक अत्यंत मजबूत और हीट-रेसिस्टेंट डिवाइस है, जिसे विमान के पिछले हिस्से में स्थापित किया जाता है, क्योंकि दुर्घटना की स्थिति में यह हिस्सा अक्सर सबसे कम क्षतिग्रस्त होता है। इसका मुख्य कार्य विमान के विभिन्न मापदंडों और गतिविधियों को रिकॉर्ड करना है। इसमें सैकड़ों प्रकार के डेटा रिकॉर्ड होते हैं, जैसे विमान की गति , ऊंचाई , दिशा, इंजन का प्रदर्शन, फ्लाइट कंट्रोल की स्थिति, और अन्य तकनीकी जानकारियां।

DFDR का महत्व
DFDR का प्राथमिक उद्देश्य हवाई दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच में सहायता करना है। जब कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो जांचकर्ता DFDR से डेटा को पुनर्प्राप्त करते हैं। यह डेटा उन्हें यह समझने में मदद करता है कि दुर्घटना से ठीक पहले विमान के साथ क्या हो रहा था। यह पायलटों के निर्णय, विमान के यांत्रिक प्रदर्शन और बाहरी कारकों (जैसे मौसम) के बारे में महत्वपूर्ण सुराग प्रदान करता है। DFDR के बिना, कई हवाई हादसों का कारण कभी नहीं पता चल पाता, जिससे भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकना मुश्किल हो जाता।

DFDR कैसे काम करता है?
DFDR लगातार विमान से जुड़े विभिन्न सेंसरों (sensors) से डेटा प्राप्त करता है। यह डेटा डिजिटल प्रारूप में रिकॉर्ड किया जाता है और एक मजबूत मेमोरी यूनिट में संग्रहीत किया जाता है। आधुनिक DFDR हजारों घंटों के उड़ान डेटा को रिकॉर्ड कर सकते हैं। यह डिवाइस इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह अत्यधिक गर्मी, झटके और पानी के दबाव का सामना कर सके, ताकि दुर्घटना की स्थिति में भी डेटा सुरक्षित रहे। दुर्घटना के बाद, जांचकर्ता इस 'ब्लैक बॉक्स' को ढूंढते हैं और विशेष उपकरणों का उपयोग करके इसमें से डेटा निकालते हैं, जिसका विश्लेषण कर वे दुर्घटना के कारणों तक पहुंचते हैं।

 
जुड़वां आत्मा की तरह होते हैं DFDR और CVR:  
DFDR के साथ एक और महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जिसे कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) कहते हैं। जहां DFDR विमान के तकनीकी डेटा को रिकॉर्ड करता है, वहीं CVR कॉकपिट के अंदर की आवाजें रिकॉर्ड करता है, जैसे पायलटों के बीच की बातचीत, एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संचार, और कॉकपिट के अंदर की अन्य ध्वनियां। DFDR और CVR मिलकर एक व्यापक तस्वीर प्रस्तुत करते हैं कि दुर्घटना से ठीक पहले विमान के अंदर और बाहर क्या हो रहा था, जिससे जांच में बहुत मदद मिलती है।

DFDR के फायदे
दुर्घटना जांच में सहायता: यह दुर्घटना के मूल कारणों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सुरक्षा में सुधार: इससे मिली जानकारी के आधार पर विमानन उद्योग (aviation industry) सुरक्षा प्रोटोकॉल (safety protocols) और डिज़ाइन (design) में सुधार कर सकता है।
भविष्य की दुर्घटनाओं की रोकथाम: कारणों को समझकर, भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं।
पायलट प्रशिक्षण में सुधार: दुर्घटना विश्लेषण से मिले सबक का उपयोग पायलटों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।
संक्षेप में, DFDR सिर्फ एक रिकॉर्डिंग डिवाइस नहीं है, बल्कि यह हवाई सुरक्षा का एक अभिन्न अंग है। यह 'ब्लैक बॉक्स' भले ही काला न हो, लेकिन हवाई हादसों के रहस्यों को उजागर करने में इसकी भूमिका किसी जादुई उपकरण से कम नहीं है। 

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