लंदन में 2012 के ओलिम्पिक को हमेशा के लिए यादगार बनाने के इरादे से दो करोड़ पाउंड यानी लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से एक खास मीनार तैयार की जा रही है, जिसका नाम होगा आर्सेलर मित्तल ऑर्बिट। 115 मीटर ऊँची लोहे की मीनार के बारे में कहा जा रहा है कि वह लंदन की पहचान से वैसे ही जुड़ जाएगा जैसे पेरिस से आइफिल टावर जुड़ा है।
इस मीनार की खास बात ये भी है कि इसके लिए पैसा लगा रहे हैं भारतीय उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल और इसका डिजाइन तैयार किया है भारतीय मूल के जानेमाने शिल्पकार अनीश कपूर ने। बीबीसी हिंदी से बातचीत में लक्ष्मी निवास मित्तल और अनीश कपूर दोनों ने कहा कि ये सिर्फ एक संयोग है कि इस योजना के पीछे दो मुख्य व्यक्ति भारतीय हैं।
मित्तल ने कहा, 'अनीश कपूर दुनिया भर में मशहूर कलाकार हैं, हमारे सामने और भी कई प्रस्ताव थे, विशेषज्ञों ने बहुत सोच-समझकर अनीश कपूर के डिजाइन को चुना है क्योंकि वही सबसे अच्छा डिजाइन था, उनका भारतीय होना एक संयोग है, लेकिन यह गर्व की बात है कि दो भारतीय लोग इससे जुड़े हुए हैं।'
अनीश कपूर के अलावा एंटनी ग्राम्ली जैसे मशहूर शिल्पकार इस योजना के लिए दौड़ में शामिल थे। अनीश कपूर न सिर्फ चर्चित कलाकार हैं बल्कि खासे लोकप्रिय भी हैं, पिछले वर्ष उनकी कलाकृतियों की प्रदर्शनी ने लंदन में रिकॉर्डतोड़ कमाई की थी।
मेयर बोरिस जॉनसन ने लंदन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि ओलिम्पिक खेलों के दौरान उसके बाद हमेशा के लिए ओलिम्पिक की यादगार के तौर पर हम एक ऐसी चीज चाहते थे जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाए।'
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संयोगवश : दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी आर्सेलर मित्तल के चेयरमैन लक्ष्मीनिवास मित्तल ने बीबीसी से एक खास बातचीत में बताया कि संयोगवश ही वे इस योजना से जुड़ गए।
उन्होंने कहा, 'स्विट्जरलैंड के दावोस में अपना कोट टाँग रहा था तभी किसी ने मेरी पीठ पर हाथ रखकर हैलो कहा, मैंने देखा कि लंदन के मेयर बोरिस जॉनसन थे, उनसे मुश्किल से एक मिनट की बात हुई, उन्होंने कहा कि वे लंदन ओलिम्पिक के लिए एक यादगार टावर खड़ा करना चाहते हैं और उसके लिए उन्हें स्टील चाहिए।'
मित्तल कहते हैं, 'लंदन के लिए यह आर्सेलर मित्तल का एक स्थायी योगदान होगा। ओलिम्पिक खेलों के खत्म होने बाद भी उस क्षेत्र में इस टावर की वजह से व्यावसायिक गतिविधियाँ होंगी, आर्थिक विकास होगा और यह टावर सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन जाएगा।'
वर्ष 2009 में जिस योजना की कल्पना की जा रही थी वह नवंबर 2011 में पर्यटकों के लिए तैयार हो जाएगा। गीजा के पिरामिड जितनी ऊँचाई वाले टावर पर दो रेस्त्राँ होंगे और दो लिफ्टों के जरिए हर घंटे 700 लोग टावर के ऊपर बने पैवेलियन पर जा सकेंगे।
लोगों को अपने बोल्ड और बड़े डिजाइनों से चौंकाने वाले कलाकार अनीश कपूर की कल्पना को साकार रूप देने का काम जाने-माने इंजीनियर सेसिल बॉलमोंड को सौंपा गया है।
1400 टन इस्पात लगाकर बनने वाले लाल रंग के इस टावर को लंदन के स्ट्रेटफर्ड इलाके में ओलिम्पिक स्टेडियम के ठीक पास बनाया जाएगा। मेयर बोरिस जॉनसन का कहना है कि आगे चलकर यह टावर व्यावसायिक स्तर पर चलाया जाएगा और उससे 'काफी कमाई' होने की उम्मीद है।