ऐसे पुरुष जो कसरत तो बहुत कम करते हैं, लेकिन घंटों टीवी देखने में बिता देते हैं, उनके लिए इस शोध के नतीजे चौंकाने वाले सकते हैं। इस शोध के मुताबिक खाली समय टीवी देख कर बिताने वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है।
'ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्टस मेडिसन' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक पुरुष के लिए एक हफ्ते में बीस घंटे से ज्यादा टीवी देखना खतरनाक है। ये शोध लगभग दो सौ छात्रों पर किया गया। हालांकि कम से कम 15 घंटे ये ज्यादा की कसरत से पुरुष के वीर्य की गुणवत्ता बेहतर होती है।
शोधकर्ताओं का ये भी कहना है कि शुक्राणुओं की संख्या घटने और संभावित कारणों को समझने के लिए और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि संतान के इच्छुक लोगों को ऐसे खेलों से दूर रहना चाहिए जो उनके शुक्राणु को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कुछ दूसरे अध्ययनों से संकेत मिलते हैं कि बहुत ज्यादा समय मोटर साइकिल की सवारी या फिर तंग कपड़े पहन कर लंबी दूरी तक दौड़ना भी अच्छा नहीं है। ठीक इसी तरह, तंग अंडरवियर पहने वाले लोगों को भी कम शुक्राणु के स्तर के साथ जोड़ कर देखा गया है।
BBC
गतिहीन जीवन शैली : नवीनतम अध्ययन में, हार्वर्ड स्कूल के शोधकर्ताओं ने न्यूयॉर्क के एक विश्वविद्यालय में पढ़ रहे 189 युवा छात्रों से पूछा कि वो कितने घंटे टीवी देखने में बिताते हैं और कितने घंटे शारीरिक गतिविधि करते हैं।
जिन लोगों पर शोध किया गया उनकी उम्र 18 और 22 के बीच थी। प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए इन सभी से शुक्राणु का नमूना देने के लिए कहा गया।
जब शोधकर्ताओं ने शुक्राणु परीक्षण के नतीजों का मिलान किया तो पाया कि गतिहीन जीवन शैली वाले पुरुषों में कम शुक्राणु थे।
ऐसे पुरुष, जो सप्ताह में 15 घंटे या उससे अधिक समय तक शारीरिक रूप से सबसे अधिक सक्रिय थे, उदाहरण के तौर पर फुटबॉल, बेसबॉल या बास्केटबॉल के जरिए व्यायाम करते थे, उनमें शुक्राणुओं की संख्या कम शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों की तुलना में 73 फीसदी अधिक थी।
जो लोग सप्ताह में कम से कम 20 घंटे या फिर लंबे समय तक टीवी देखते हैं उनमें शुक्राणुओं की संख्या उन लोगों के मुकाबले 44% कम थी, जो कम टीवी देखते हैं।
सुझाव : हालांकि इन पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या इतनी भी कम नहीं थी कि डॉक्टर उन्हें नपुंसकता की श्रेणी में रख सकें।
शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके निष्कर्ष निर्णायक नहीं बल्कि सुझाव है। जो पुरुषों प्रजनन क्षमता में सुधार करना चाहते हैं उन्हें शारीरिक व्यायाम को बढ़ाना चाहिए।
वैसे ये अभी साफ नहीं है कि सोफे पर बैठकर टीवी देखने से ही शुक्राणुओं की संख्या कम क्यों हो सकती है। शुक्राणु वृद्धि के लिए ठंडी परिस्थितियां अनुकूल होती हैं। अंडकोश की थैली गर्म होने पर इनकी वृद्धि घट जाती है।
हांलाकि मोटापा भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है, लेकिन जिन पुरुषों पर शोध किया गया उनमें से अधिकांश मोटापे के शिकार नहीं थे।