1. सामयिक
  2. »
  3. बीबीसी हिंदी
  4. »
  5. बीबीसी समाचार
  6. किसने चीन को ''आईटी खतरे'' का नाम दिया
Written By BBC Hindi
Last Modified: सोमवार, 4 फ़रवरी 2013 (12:55 IST)

किसने चीन को 'आईटी खतरे' का नाम दिया

चीन
BBC
वॉल स्ट्रीट जनरल और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे बड़े मीडिया समूहों पर हैकरों के हमले ने चीनी हैकरों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इंटरनेट कंपनी गूगल के चेयरमैन एरिक श्मिट ने तो चीन को 'आईटी खतरे' का नाम दिया है।

वॉल स्ट्रीट जनरल के अनुसार श्मिट ने अपनी आने वाली किताब में कहा है कि चीन आर्थिक और राजनीतिक फायदे के लिए साइबर अपराध करवाता है।

'द न्यू डिजिटल एज' नाम की ये किताब अप्रैल में आएगी जिसके अनुसार चीन दुनिया में सबसे सक्रिय और उत्साही तरीके से सूचना को छानता है।

हालांकि चीन हैकिंग के सभी आरोपों से इनकार करता है।

चीन की चुनौती : कई देशों की सरकारें, विदेशी कंपनियां और संगठन चीन की सरकार पर कई वर्षों से साइबर जासूसी कराने के आरोप लगाते हैं। उसे ऐसी जानकारी की तलाश रहती है जिससे चीन की चमकदार छवि को सुरक्षित रखा जा सके।

वॉल स्ट्रीट जनरल के अनुसार ‘द न्यू डिजीटल एज’ में विश्लेषण किया गया है कि किस तरह चीन इंटरनेट का खतरनाक तरीके से इस्तेमाल कर रहा है।

किताब कहती है, 'अमेरिका और चीन की कंपनियों और उनकी रणनीतियों में जो अंतर है, उसकी वजह से अमेरिका की सरकार और कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।'

इसके अनुसार चूंकि अमेरिका उस तरह की डिजीटल कॉर्पोरेट जासूसी का रास्ता नहीं अपनाएगा क्योंकि इस बारे में उसके नियम कड़े हैं और उन्हें बेहतर तरीके से लागू किया जाता है, इसलिए चीन की रणनीतियों का मुकाबला आसान नहीं है।

भरोसेमंद तकनीक की दरकार : किताब कहती है कि इस स्थिति से निपटने के लिए पश्चिमी देशों की सरकारों को राष्ट्र और प्रोद्योगिकी कंपनियों के साथ बेहतर रिश्ते कायम करने होंगे। अगर सरकारें भरोसेमंद कंपनियों के बनाए सॉफ्टवेयर और प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल करेंगी तो उन्हें फायदा होगा।

वॉल स्ट्रीट जनरल ने पिछले हफ्ते कहा कि उसके कंप्यूटरों पर चीन के विशेषज्ञों ने हमले किए जो उनके चीन कवरेज की निगरानी कर रहे हैं।

इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि पिछले चार महीने के दौरान चीनी हैकर उसके कंप्यूटर सिस्टम में सेंध लगा रहे हैं। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने न्यूयॉर्क टाइम्स के आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज किया है।