मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. scam offering money to make woman pregnant
Written By BBC Hindi
Last Updated : शुक्रवार, 12 जनवरी 2024 (15:17 IST)

Cyber Crime - महिलाओं को गर्भवती बनाने के बदले पैसा देने वाला स्कैम

Cyber Crime - महिलाओं को गर्भवती बनाने के बदले पैसा देने वाला स्कैम - scam offering money to make woman pregnant
गीता पांडे, बीबीसी न्यूज़, नई दिल्ली
आजकल साइबर अपराध आम हो गए हैं, लेकिन साइबर अपराध का यह तरीक़ा थोड़ा अनोखा है। दिसम्बर के शुरू में मंगेश कुमार (बदला हुआ नाम) फ़ेसबुक देख रहे थे, तभी उनकी नज़र ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब सर्विस के वीडियो पर पड़ी। उन्होंने इसके बारे में और जानने का फ़ैसला किया। यह नौकरी बिल्कुल सच जान पड़ रही थी, महिला को प्रेग्नेंट करने के बदले पैसा।
 
स्वाभाविक रूप से यह बहुत लुभावना ऑफ़र था। 33 साल का यह व्यक्ति, जो विवाह समारोहों में सजावट का काम करता था और 15,000 रुपये प्रति माह कमाता था, अबतक 16,000 रुपये गंवा चुका है और वे उससे और पैसे मांग रहे हैं।
 
बिहार के रहने वाले मंगेश केवल अकेले व्यक्ति नहीं हैं जो इस स्कैम के शिकार हुए हैं।
 
बिहार के नवादा ज़िले में साइबर सेल के प्रमुख डीएसपी कल्याण आनंद ने बीबीसी को बताया कि इस व्यापक धोखाधड़ी के सैकड़ों लोग शिकार हुए हैं, इसमें सीधे सादे पुरुषों को निःसंतान महिलाओं के साथ एक रात होटल में बिताने और भारी भरकम भुगतान का लालच देकर, शुल्क के तौर पर पैसे देने को कहा जाता है।
 
अभी तक उनकी टीम ने आठ लोगों को गिरफ़्तार किया है। उनके पास से नौ मोबाइल और एक प्रिंटर ज़ब्त किए गए हैं और 18 अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। लेकिन पीड़ितों की तलाश कर पाना बहुत जटिल है।
 
कल्याण आनंद ने बताया, “यह गैंग एक साल से सक्रिय है और उन्होंने सैकड़ों लोगों को ठगा है, लेकिन संभवतः शर्म के कारण इनमें से कोई भी शिकायत करने को आगे नहीं आया।”
 
लेकिन बीबीसी ने दो पीड़ितों से बात की, जिनमें से एक ने बताया कि उसने 799 रुपये गंवाए हैं लेकिन उसने विस्तार में बताने से मना कर दिया।
 
दूसरे व्यक्ति मंगेश ने हिम्मत जुटाई और कई फ़ोन कॉल के दौरान उन्होंने बताया कि वो कैसे इन ठगों के शिकंजे में फंसे।
 
उन्होंने मुझे बताया, “जब मैंने वीडियो पर क्लिक किया तो दस मिनट बाद मेरा फ़ोन बजा। एक आदमी ने कहा कि अगर मैं इस नौकरी के लिए खुद को रजिस्टर कराना चाहता हूं तो 799 रुपये जमा कराने होंगे।”
 
ठगों ने कैसे जीता भरोसा?
इस फ़ोन करने वाले शख़्स को मंगेश "संदीप सर" बुलाते थे, जिसने उनसे कहा कि उन्हें मुंबई में एक कंपनी के लिए काम करना होगा और एक बार रजिस्टर होने के बाद उस महिला की जानकारी भेज दी जाएगी, जिसे प्रेग्नेंट करना है।
 
उन्होंने मंगेश को पांच लाख रुपये देने के पेशकश की, जोकि उनके तीन साल के वेतन के बराबर होता है।
 
यह महिला के साथ सेक्स के बदले मिलना था और अगर महिला प्रेगनेंट हो जाती है तो अतिरिक्त आठ लाख रुपये इनाम में देने का वादा किया गया।
 
दो छोटे बच्चों के बाप मंगेश ने बताया, “मैं ग़रीब आदमी हूं, मुझे पैसों की बहुत ज़रूरत है, इसलिए मैंने उनकी बातों पर यक़ीन कर लिया।”
 
अगले कुछ हफ़्तों में, थोड़े थोड़े करके मंगेश से 16,000 रुपये से अधिक निकलवा लिए गए। 2,550 रुपये कोर्ट के कुछ काग़ज़ात के लिए, 4,500 रुपये सेफ़्टी डिपॉज़िट और 7,998 रुपये जीएसटी के नाम पर। उन्होंने मुझे सारी रसीदें और कोर्ट के फर्ज़ी काग़ज़ दिखाए।
 
सरकारी जैसे दिखने वाले काग़ज़ में उनका नाम लिखा था और पुलिस की वर्दी में दिखने वाले एक शख़्स के साथ उनकी तस्वीर लगी थी।
 
सबसे ऊपर मोटे अक्षरों में लिखा था- ‘बेबी बर्थ एग्रीमेंट’ और नीचे स्पष्ट लिखा था ‘प्रेग्नेंसी वेरिफ़िकेशन फ़ॉर्म।’
 
इस दस्तावेज़ के सबसे नीचे ऐसा हस्ताक्षर था, जो मशहूर अमेरिकी टीवी होस्ट ओपरा विनफ़्रे के हस्ताक्षर से मिलता जुलता है।
 
ठगों ने उनकी उम्मीद बनाए रखने के लिए सात-आठ महिलाओं की तस्वीरें भेजीं और उनमें से चुनने को कहा।
 
उन्होंने बताया, “उन्होंने मुझसे कहा कि मैं जिस शहर में रहता हूं वहां वो एक होटल रूम बुक करेंगे और मैं उन महिलाओं से वहीं मिलूंगा।”
 
एक महीने का वेतन गंवाया
जब मंगेश ने वादा किए गए पैसे की मांग की तो उन्हें एक रसीद भेजी गई। और कहा गया कि उनके बैंक खाते में 5,12,400 रुपये जमा करा दिए गए हैं लेकिन यह अभी रोक लिया गया है और 12,600 रुपये इनकम टैक्स अदा करने बाद ही भुगतान हो पाएगा।
 
मंगेश बताते हैं कि तब तक उन्होंने अपने पूरे महीने का वेतन गंवा दिया था और उन्होंने कहा कि वो अब और पैसे नहीं दे पाएंगे और फिर अपने पैसे वापस करने की मांग की।
 
मंगेश ने कहा, “संदीप सर ने मना कर दिया और जब मैं गुस्सा हुआ तो उन्होंने कहा कि मेरे खाते में दिख रहा है कि पांच लाख रुपये जमा हुए हैं और इनकम टैक्स अधिकारी मेरे घर पर छापा मारकर मुझे गिरफ़्तार कर लेंगे।”
 
उन्होंने मुझे बताया, “मैं ग़रीब मज़दूर हूं, मैं अपनी महीने भर की सैलरी गंवा चुका था और आगे किसी आपराधिक मुकदमे में फंसना नहीं चाहता था। मैं इतना डर गया था कि मैंने 10 दिनों के लिए अपना फ़ोन बंद कर दिया। मैंने कुछ दिन पहले ही इसे फिर से ऑन किया है।"
 
मंगेश ने मुझसे कहा कि शुरू में तो उन्होंने मुझे भी धोखाधड़ी करने वाले गैंग का सदस्य समझ लिया था।
 
डीएसपी आनंद के अनुसार, इस स्कैम के पीछे पढ़े लिखे लोग हैं, कुछ तो ग्रैजुएट हैं और वे जानते हैं कि मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप और प्रिंटर कैसे काम करते हैं। जबकि दूसरी तरफ़ पीड़ित पूरे देश से हैं और बहुत कम पढ़े लिखे हैं।
 
मंगेश कहते हैं कि उन्हें बिल्कुल नहीं लगा कि यह ठगी का जाल हो सकता है क्योंकि "संदीप सर" ने अपना पहचान पत्र भेजे थे, जिसमें एक में उनकी पहचान भारतीय सेना के सैनिक के रूप में बताई गई थी।
 
उन्हें कॉलर के ह्वाट्सऐप की प्रोफ़ाइल फ़ोटो को देख कर भी भरोसा बढ़ा, जिसमें एक आकर्षक विदेशी महिला नवजात बच्चे को अपनी बाहों में लिए हुए है। वो पूछते हैं, “आप बताएं, आप कैसे इस तस्वीर पर भरोसा नहीं कर सकती हैं?”
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
साइबर क़ानून के एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि समस्या ये है कि भारत में लोग "आम तौर पर बहुत भरोसा करने वाले होते हैं और बहुत कम ही लोग इंटरनेट पर आने वाली सूचनाओं की जांच पड़ताल करते हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर अति आत्मविश्वास में होते हैं।"
 
हालांकि नवादा में धोखाधड़ी का तरीक़ा "बिल्कु नायाब" है।
 
उनके अनुसार, “धोखाधड़ी करने वालों ने उन्हें मुफ़्त का पैसा और मुफ़्त के सेक्स का वादा किया जोकि बहुत घातक लालच है। ऐसी स्थितियों में विवेक कहीं पीछे छूट जाता है।”
 
दुग्गल कहते हैं कि कोविड-19 के दौरान जब मोबाइल और नेट बैंकिंग आम चलन बन गया था, उसी दौरान साइबर अपराध का स्वर्ण काल शुरू हुआ। वो चेताते हैं कि यह दशकों तक चलेगा।
 
जैसे जैसे साइबर अपराधी नए नए, रचनात्मक और सजह भरोसा किए जा सकने वाले तरीके अपना रहे हैं, भारत को मंगेश जैसे लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचाने के लिए और कड़ी कोशिश करनी होगी।
 
दुग्गल कहते हैं, “चूंकि लोग सरकार पर भरोसा करते हैं इसलिए उसे चाहिए कि रेडियो और टीवी के मार्फ़त बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान करना चाहिए।”
 
लेकिन सरकार अकेले 1 अरब 40 करोड़ लोगों तक नहीं पहुंच सकती।
 
वो कहते हैं, “यह बहुत बड़ी संख्या है। और सिर्फ सरकार के भरोसे रहा जाए तो इसमें काफ़ी समय लगेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था नुकसान झेलती रहेगी। इसलिए सरकार को इस ओर निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करना होगा।”
 
ठगों ने फिर भी नहीं छोड़ा पीछा
हालांकि धोखाधड़ी करने वालों ने मंगेश के मसले में अभी हार नहीं मानी है। पिछले सप्ताह फ़ोन पर बात करते हुए मंगेश ने ये कहते हुए फ़ोन काट दिया कि ‘मैडम’ कॉल कर रही हैं। बाद में उन्होंने बताया कि यह वही महिला थी, जिससे मिलने के बारे में उन्हें बताया गया था।
 
उन्होंने बताया कि वो लगभग रोज़ ही उससे बात करते थे। वो महिला अब मंगेश को बता रही थी कि "संदीप सर" असली ठग हैं और वादा किए गए पांच लाख रुपये में से ज़्यादातर उन्होंने चुरा लिया है और मंगेश को अभी भी 90,000 रुपये मिल सकते हैं अगर वो 3,000 रुपये जीएसटी का भुगतान कर दें।
 
मंगेश ने बताया, “मैंने उससे कहा कि मैं टूट चुका हूं। मैंने उससे विनती की कि वो मेरे पैसा लौटा दें लेकिन उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है। मैं चाहता था कि वो कम से कम 10,000 रुपये लौटा दें।”
 
मैंने उनसे पूछा कि क्या अब भी उन्हें ठगों पर भरोसा है मंगेश ने कहा, “मैं बिल्कुल नहीं जानता कि अब क्या करूं। मैंने पूरे महीने की सैलरी गंवा दी और बिहार में अपने परिवार को पैसे नहीं भेज पाया। मेरी पत्नी गुस्सा है और अब मुझसे बात नहीं कर रही।”
 
वो इस बात से गुस्से में हैं कि "संदीप सर" अब उनका फ़ोन नहीं उठाते।
 
मंगेश कहते हैं, “जिन्होंने मुझे ठगा उन्हें कड़ी सज़ा मिलना चाहिए। मैं 500 रुपये के लिए पूरे दिन कमरतोड़ मेहनत करता हूं। मुझे पता है कि मैंने भारी ग़लती की है। लेकिन उन्होंने जो कुछ मेरे साथ किया वो बहुत ग़लत है।”