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Last Modified: बुधवार, 20 सितम्बर 2017 (14:42 IST)

मिलिए समंदर के तट पर जलपरियों से

मिलिए समंदर के तट पर जलपरियों से - Professional Mermaid in UK and  America
कहानियों वाली जलपरियां हक़ीकत में नहीं होतीं लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन के तटों पर यह दिखती भी हैं, जैसा कि तस्वीर में आप देख सकते हैं। लेकिन हक़ीकत में ये वहां के तटों पर पनपता नया बिज़नेस है जो पिछले दो साल से जोर पकड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक 2015 में करीब एक हज़ार लोग पेशेवर जलपरी (मर्मेड) के रूप में काम कर रहे हैं। इसमें महिलाएं और पुरुष दोनों ही शामिल हैं।
 
जलपरी की हकीकत
अंडरवियर पर बनीं लाल धारियां और जांघों पर नारियल तेल मल कर समुद्र तट के पत्थर पर सुंदर गुलाबी और सफ़ेद सिलिकन पूंछ और सुनहरे लंबे बालों के साथ बैठे इस शख्स ने जलपरी का रूप धरा है। यह शख्स जलपरी बनने के पेशे में है जिसमें इसे पूंछ लगाकर अक्सर इसके साथ तैरना होता है।
 
32 वर्षीय इस युवक सीकी ने बीबीसी से कहा, "अगर आपको पूंछ लगानी है तो पहले आपको खुद भिगना पड़ता है।" इसके बाद वो एक हसीन जलपरी का रूप लेते हुए पीछे की ओर लेट जाते हैं।
 
ब्रिटेन में पनप रहा पेशा
अब यह पेशा ब्रिटेन में भी अपने पांव पसारने लगा है। यहां जुलाई के महीने में पहली बार मिस मर्मेड प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यहां के लोगों में जलपरी ट्रेनिंग कैंप के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। लोग इसे ख़तरनाक खेल के रूप में सीख रहे हैं।
अब गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने के मसकद से सीकी 324 जलपरियों के साथ बेक्सहिल समुद्र तट पर इक्ट्ठा हो रहे हैं। फिलहाल ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है लेकिन उन्होंने इस रिकॉर्ड को दर्ज करवाने के लिए ज़रूरी 300 के आंकड़े को पार कर लिया है।
 
इंस्टाग्राम पर हैशटैग #mermaid को करीब 65 लाख वोट मिले हैं। इनमें से अधिकांश लोग हाथ से बने मुकुट और गिटार के आकार जैसी बिकिनी में दिखे लेकिन सीकी के दल ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।
 
बेहद महंगी है पूंछ
ये सब एक दूसरे से एक फ़ेसबुक समूह में मिले और इसके बाद मिलना शुरू कर दिया। इनके लिए ये शौक पालना आसान नहीं था क्योंकि एक सिलिकन पूंछ की कीमत तीन हज़ार पाउंड (यानी 2 लाख 60 हज़ार रुपये) और वज़न 20 किलो के आस पास है। एक बार पूंछ लग गई तो फिर ज़मीन पर चलना लगभग नामुमकिन है।
 
तैराकी का जुनून
केंट से एमए की पढ़ाई पूरी कर चुकी लॉरेन इस पेशे में पिछले चार सालों से हैं। लॉरेन कहती हैं, "मेरा परिवार मुझे बचपन से ही लिटिल मर्मेड कहा करती थी क्योंकि मेरे भीतर पानी और समुद्र को लेकर हमेशा जुनून रहा है। एक बार मुझे मालूम चला कि आप पूंछ ख़रीद सकते हैं तो फ़िर मैं पीछे मुड़ कर नहीं देखी।"
 
वो कहती हैं, "मैं गंभीर चिंता, अवसाद और बेचैनी से परेशान थी, अक्सर घर से निकलना मेरे लिए आसान नहीं होता। लेकिन मर्मेड बनने के बाद से मेरे जीवन में बहुत बदलाव आ गया।"

लॉरेन ने कहा, "जब आप पानी पर होते हैं तो आप केवल बहते रहते हैं। आप पानी का हिस्सा बन जाते हैं। अचानक, आपकी सभी चिंताएं गायब हो जाती हैं। जब भी मैं पूंछ में होती हूं, बाकी सभी चीजें अपने आप ही बह जाती हैं। अब इसने पूरी तरह मेरे इलाज़ का रूप ले लिया है।"
 
"यह जादू है"
जब लॉरेन ने इस समूह से जुड़ी थीं तब इसमें 50 लोग थे। आज इसके 150 सदस्य हमेशा मिलते और साथ तैरते हैं। लॉरेन इसे अपना करियर बनाना चाहती हैं तो 23 वर्षीय लिली रोज़ इसे अपना करियर बना चुकी हैं।
 
लिली पिछले पांच साल से इससे जुड़ी हुई हैं। वो कहती हैं, "यह जादू है। जब आप किसी बच्चे को यह कहते हुए सुनते हैं कि 'ओह वो देखो वहां जलपरी दिख रही है', तो यह वास्तव में अद्भुत होता है।" लिली कहती हैं, "यह पैरों को कड़ा बना देता है, पैर में दर्द भी काफ़ी होता है। लेकिन लोगों की मुस्कान के लिए इसे करने में बहुत आनंद आता है।" लॉरेन इससे सहमत होते हुए कहती हैं, "तैरने के लिए आवश्यक तेज़ी आवश्यक है और 12 किलो की पूंछ लेकर ऐसा करना आसान नहीं है।"
आसान नहीं पेशे में बना रहना
सीकी, जो एक कलाकार हैं अब उन लोगों में से हैं जो ब्रिटेन में बस गए हैं और करीब 1।30 लाख रुपये में जलपरी की पूंछ बेचने का काम करते हैं। मैं सिलिकॉन रबर से पूंछ बनाता हूं। कई लोगों को नई कार की चाहत है तो कई अन्य लोगों को जलपरी की पूंछ चाहिए।"
जलपरी इतिहासकार प्रोफ़ेसर सारा पिवर्ले ने कहा, "ऐसा लगता है कि हाल के दिनों में जलपरी बनने के शौक में इज़ाफ़ा हुआ है। लेकिन इन्होंने सदियों पहले से साहित्य, फ़िल्म और कला में हमारा ध्यान खींचती रही हैं।"
 
क्या बोलता है मनोविज्ञान?
मनोवैज्ञानिक डॉक्टर राचेल एंड्र्यूज़ कहती हैं, "यह सभी तरह के तनावों से बचाने में सक्षम हो रहा है, इसके अलग तत्व विभिन्न लोगों को आकर्षित करते हैं। कई लोगों को इसमें कामुकता भी दिखती है।" वो कहती हैं, "जलपरी हों या पुरुष लोग इन्हें पाने की इच्छा रखते हैं, हालांकि ये बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं हैं।"
 
"किक मिलता है"
33 वर्षीय लुईस ने पहली बार जलपरी की ख़बरों को देखने के बाद ही तैरना सीखा जिससे की वो इससे जुड़ सकें। वो कहती हैं, "मुझे इससे किक मिलता है और मैं जितना संभव हो अपनी जिंदगी का आन्नद उठाती हूं।"
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