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Last Modified: शनिवार, 4 अगस्त 2018 (12:16 IST)

BBC SPECIAL: चीन के इस बाज़ार में मिलते हैं 'रिश्ते ही रिश्ते'

BBC SPECIAL: चीन के इस बाज़ार में मिलते हैं 'रिश्ते ही रिश्ते' - marriage in china
- विनीत खरे (शंघाई (चीन) से लौटकर) 
 
शनिवार का दिन था और बारिश के बावजूद शंघाई के पीपुल्स पार्क में जबरदस्त भीड़ थी। पार्क के रास्तों के किनारे खड़े और बैठे लोग या तो इंतज़ार कर रहे थे या एक दूसरे से बात कर रहे थे। कुछ छाते सिर के ऊपर थे तो कुछ ज़मीन पर सीधे रखे थे।
 
 
छातों, दीवारों, ज़मीन, पेड़ों पर रखे और पन्नियों से लिपटे ए-4 साइज़ कागज़ों पर मैंडेरिन भाषा में लड़के और लड़कियों के बायोडेटा रखे थे। बायोडेटा मतलब लड़के या लड़की उम्र, सालाना तन्ख्वाह, पढ़ाई-लिखाई का ब्योरा, जन्मदिन और ज़ोडिएक। साल 2005 से शंघाई में ये शादी का बाज़ार हर सप्ताहांत सज रहा है। तब लोगों ने यहां व्यायाम और टहलने आते थे और फिर उन्होंने बच्चों की शादी के लिए मिलना-जुलना शुरू किया।
 
 
चीन में महंगाई बढ़ रही है और लड़के और लड़कियों की अपने पार्टनर्स को लेकर उम्मीदें भी। इसलिए या तो वो देर से शादी कर रहे हैं, या शादी ही नहीं कर रहे हैं, या फिर शादी को लेकर उनकी धारणाएं बदल रही हैं।
 
 
चाइनीज़ एकैडमी ऑफ़ सोशल साइंसेज़ के हवाले से लेक लिखती हैं कि साल 2020 तक चीन में कुंवारी लड़कियों के मुकाबले 3 करोड़ ज़्यादा कुंवारे लड़के होंगे। चीन जैसे तेज़ी से विकसित होते देश में ऐसा होना लाज़मी है क्योंकि अमेरिका, जापान, भारत हर जगह ऐसा ही हो रहा है लेकिन भारत की तरह चीन में भी बच्चे शादी न करें या देरी से करें तो कई मां-बाप, रिश्तेदार परेशान हो उठते हैं।
 
 
पार्क में हमारी मुलाकात ग्रेस से हुई। ग्रेस ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं और अपने भांजे झांग शी मिंग के लिए लड़की ढूंढ़ रही थीं लेकिन कई परिवारों ने उन्हें मना कर दिया।
 
लखपति लड़के की मांग
मोबाइल पर मिंग की फ़ोटो दिखाते हुए उन्होंने कहा, 'मेरा भांजा महीने का 5,000 युआन (50,000 भारतीय रुपए) कमाता है लेकिन लड़कयों के परिवारों की मांग है वो कम से कम 10,000 युआन महीना (एक लाख रुपए) कमाए। वो बहुत बुरी हालत में हैं क्योंकि वो अपने लिए लड़की नहीं ढूंढ़ पा रहा है।'
 
 
चीन में लड़के को शादी से पहले सिर के ऊपर छत का इंतज़ाम करना पड़ता है लेकिन घरों के दाम करोड़ों में है। पार्क में लड़कियों के झुंड में से एक ने हंसते हुए बताया, "चीन की संस्कृति के मुताबिक शादी से पहले लड़कों को ही घर का इंतज़ाम करना पड़ेगा। हम लड़कियां फर्नीचर खरीद लेती हैं।"
 
 
ग्रेस ने कहा, "अगर मैं भारी कर्ज़ लेकर उसके लिए मकान ले भी लेती हूँ तो उसे चुकाने में उसे दशकों लग जाएंगे। हमारे समय में सरकार हमें मुफ़्त में घर दे देती थी। हमें सिर्फ़ अपना साथी ढूंढ़ना होता था जो हमें प्यार करे।"
 
 
लेकिन ग्रेस को सही मौके और समय का इंतज़ार है। चीन में पढ़ी-लिखी होने के बावजूद अगर लड़की की शादी न हो रही हो तो उसे लेफ़्टओवर या 'बचा हुआ' तक कहा जाता है और उसे अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता।
 
 
ग्रेस ने मुझे बताया, "यहां जिन लड़कियों के मां-बाप आए हैं, उनकी उम्र 35 के आसपास है। उनके पास अच्छी शिक्षा और नौकरियां हैं। मिस्टर राइट चुनने का उनका स्टैंडर्ड ऊंचा है। जब इन लड़कियों की उम्र 40 के तक पहुंच जाएगी तो उन्हें अपना स्टैंडर्ड मांग नीचे लाना पड़ेगा।" चीन में पुरुषों की शादी की उम्र 22 और महिलाओं के लिए 20 साल है।
 
 
शादी में परिशानियों के लिए कई बार सरकार की वन चाइल्ड नीति को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है। दरअसल भारत की तरह चीन में भी ज़्यादातर परिवार चाहते हैं कि उनके घर लड़का पैदा हो। और सालों से लागू वन चाइल्ड पॉलिसी से कई लोगों ने लड़की की बजाय लड़के को प्राथमिकता दी जिससे चीन में सेक्स रेशियो असंतुलित हो गया।
 
लड़कियों की घटती संख्या
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या डिवीज़न के साल 2016 के आंकड़ों के अनुसार 1000 पैदा हुए लड़कों के मुकाबले 868 लड़कियां पैदा हुईं। पार्क में आए ज़्यादातर मां-बाप की इकलौती संतान थी। लेकिन इस समस्या के लिए शहरीकरण को भी ज़िम्मेदार माना जाता है।
 
 
स्थानीय पत्रकार एडेरा लियांग कहती हैं, "चीन में तेज़ी से शहरीकरण के कारण बहुत सारे युवा शंघाई जैसे शहरों में आ रहे हैं। वो यहीं रह जाते हैं और शादी करना चाहते हैं लेकिन ज़्यादातर परिवारों की मात्र एक संतान हैं...लड़कियां पढ़ी लिखी हैं और उनकी मांग पूरी करने वाले पुरुषों की संख्या सीमित है। उन्हें लगता है कि ग़लत लड़के से शादी के बजाय अकेले रहना बेहतर है।"
 
 
कई बच्चों को अपने मां-बाप और रिश्तेदारों के यहां आने का पता नहीं होता, क्योंकि यहां आने को परिवार शर्म से जोड़कर देखते हैं, ख़ासकर अगर वो लड़की के रिश्तेदार हों, इसलिए कैमरा देखकर कई लोग नाराज़ हो गए।
 
 
शादी का पारंपरिक तरीका नहीं
एडेरा लियांग कहती हैं, "चीन में शादी करने का ये पारंपरिक तरीका नहीं है। यहां आने वाले कई परिवार रूढ़िवादी परिवार से आते हैं। जिन बच्चों के मां-बाप यहां हैं, उनकी उम्र 35, 40 या उससे ज़्यादा है। उनके मां-बाप के लिए यहां आने के अलावा और कोई चारा नहीं है। उन्हें लगता है कि यहां वो बच्चों के लिए भरोसेमंद साथी ढूंढ़ सकते हैं।"
 
 
हालांकि कई परिवारों ने बताया कि इस पार्क में कम ही मामले होते हैं जब शादी की पक्की बात हो जाती हो। बात करने की कई कोशिशों के बाद एक लड़की ने बिना कोई नाम दिए बताया, "शादी के लिए ये अच्छा प्लेटफ़ॉर्म है जहां लोग आपस में मिल सकते हैं। अगर बात बन जाती है तो अच्छा है।"
 
 
हाल ही में सरकार ने दशकों पुरानी वन चाइल्ड पॉलिसी खत्म कर दी। यानि अब आप एक से ज़्यादा बच्चे पैदा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इससे शादी की समस्या में सुधार होगा। एक आंकड़े के मुताबिक जनसंख्या की दर को कम करने के लिए साल 1979 में लाई गई इस नीति के कारण 40 करोड़ कम बच्चों का जन्म हुआ। लेकिन चीन के लोगों की बढ़ती औसतन उम्र के कारण सरकार को इस नीति में परिवर्तन लाना पड़ा।
 
 
एडेरा कहती हैं, "सरकार की वन चाइल्ड नीति से सेक्स रेशियो में असंतुलन आया लेकिन शादी को लेकर संकट के कारणों में से ये एक है। इस नीति में परिवर्तन से उम्मीद है कि कुछ सालों में ये समस्या कम जटिल होगी।"
 
 
वर्चुअल ब्वायफ़्रेंड्स, ऑनलाइन मैरिज वेबसाइट्स, मैचमेकिंग पार्टीज़ की दुनिया से अलग शादी के इस बाज़ार में रिश्तों को जोड़ने की कोशिशें जारी है लेकिन सफ़लता कम ही मिल पा रही है।
 
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