गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. Did Police beat CRPF personnels on election duty in west bengal
Written By

क्या ममता के पुलिसवालों ने CRPF जवानों को पीटा?

क्या ममता के पुलिसवालों ने CRPF जवानों को पीटा? - Did Police beat CRPF personnels on election duty in west bengal
- फैक्ट चेक टीम
  बीबीसी न्यूज


सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने वोटिंग के दौरान ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय सुरक्षाकर्मियों की पिटाई की।

इस वीडियो पर ये कैपश्न लिखा आता हैः “ममता बेगम की पुलिस ने केंद्रीय जवानों को भी नहीं छोड़ा। इस वीडियो को शेयर करें और चुनाव आयोग के पास भेजें।”

डेढ़ मिनट के इस वीडियो को हजारों बार देखा और शेयर किया जा चुका है।



इसी वीडियो को एक और दावे के साथ शेयर किया जा रहा है जिसमें कहा जा रहा है पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या शरणार्थियों ने केंद्रीय सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया।

मगर बीबीसी ने अपनी पड़ताल में इन दावों को भ्रामक पाया। इस वीडियो में, एक गुस्साई भीड़ को एक सरकारी वाहन पर हमला करते देखा जा सकता है।

नीली कमीज पहने घायल लोगों को एक क्षतिग्रस्त वाहन में बैठे देखा जा सकता है।

वीडियो में दिख रही पुलिस उग्र होती भीड़ को नियंत्रित करती दिख रही है ना कि वाहनों पर हमला करती, जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है।

वीडियो की सच्चाई

इस वीडियो की रिवर्स इमेज सर्च करने पर एक स्थानीय न्यूज चैनल न्यूज बृतांत की एक रिपोर्ट का पता चलता है। 12 अप्रैल 2019 को प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट के अनुसार, ये वीडियो नेशनल हाईवे नंबर 31 पर हुई एक दुर्घटना के बाद का है, जब जलपाईगुड़ी के राजगंज चौकी क्षेत्र में दो स्थानीय लोगों की मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि राजगंज पुलिस थाने के वहां थोड़ी देर बाद पहुंची जिससे लोग हिंसक हो उठे और पुलिस वाहन पर हमला कर दिया जिसमें पुलिसकर्मी और स्वयंसेवक घायल हो गए।

बताया गया कि पुलिस को घरों में छिपना पड़ा क्योंकि उनकी संख्या काफी कम थी। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस की अतिरिक्त टुकड़ी को भेजना पड़ा।

बीबीसी फैक्ट चेक टीम ने जलपाईगुड़ी के पुलिस अधीक्षक अमिताभ मैती से बात की जिन्होंने बताया, “एक ट्रक और एक बाइक की दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई। जब हम वहां तफ्तीश के लिए पहुंचे, तो गुस्साई भीड़ ने पुलिस वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया था और पुलिसवालोँ और स्वयंसेवकों पर पत्थर बरसाने लगे। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने की कोशिश की।”

उन्होंने आगे कहा, “ये दावा बिल्कुल गलत है कि ममता बनर्जी के पुलिसकर्मियों या रोहिंग्या शरणार्थियों ने केंद्रीय सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया।”
ये भी पढ़ें
केजरीवाल को थप्पड़ मारने वाला शख्स सुरेश अब क्यों पछता रहा है?