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Written By BBC Hindi
Last Modified: रविवार, 8 जनवरी 2023 (08:18 IST)

शिमला से ठंडी दिल्ली, डॉक्टरों ने किया आगाह, 'संभालकर रखें दिल'

शिमला से ठंडी दिल्ली, डॉक्टरों ने किया आगाह, 'संभालकर रखें दिल' - Delhi is colder then shimla, Doctor says keep your heart safe
चंदन कुमार जजवाड़े, बीबीसी संवाददाता, पटना से
भारत में एक पुरानी कहावत है "गर्मी ग़रीबों की, सर्दी अमीरों की"। लेकिन फ़िलहाल पूरे उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड हर किसी के लिए एक जैसी मुसीबत दिख रही है। कहीं पानी जमकर बर्फ़ हो गया है तो कहीं दिन में भी लोग आग जलाकर शरीर को गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं।
 
डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे मौसम में बीमार लोगों के अलावा बुज़ुर्गों और बच्चों की सेहत पर ख़ास ध्यान रखा जाना चाहिए। खानपान से लेकर कपड़े पहनने तक में कई तरह की सावधानी ज़रूरी है।
 
बिहार की राजधानी पटना के बेली रोड पर कई गाड़ियां खड़ी हैं। यहां कुछ लोग लकड़ियां इकट्ठी कर आग जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां मौजूद एक बुज़ुर्ग उदय बाबा बताते हैं, "बहुत ठंड है यहां। पिछले साल से ज़्यादा ठंड महसूस हो रही है। लकड़ी वगैरह की व्यवस्था होती तो जान बचती हमारी।"
 
यहीं आग ताप रहे राकेश कुमार टैंपो चलाते हैं। इनको अक्सर पटना और आसपास के कई इलाक़ों तक जाना होता है। राकेश बताते हैं, "पटना में बहुत ठंड है और पटना के बाहर इससे भी ज़्यादा ठंड है। कोहरे की वजह से ज़्यादा ठंड लग रही है इस बार।"
 
शिमला से ज़्यादा सर्द दिल्ली
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मुताबिक, शनिवार को गया का न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस जबकि पटना का 7.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस जबकि शिमला का न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जैनामनी ने बीबीसी को बताया, "साल 2022 के मुक़ाबले इस साल न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस कम है।"
 
उन्होंने बताया, "बिहार और उत्तर प्रदेश के कई इलाक़ों में ज़्यादा ठंड इसलिए महसूस हो रही है। वजह ये है कि वहां घना कोहरा छाया हुआ है जिससे सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पा रही है और दिन का अधिकतम तापमान भी नहीं बढ़ पा रहा है।"
 
आरके जैनामनी के मुताबिक़, जनवरी के पहले सप्ताह में बिहार, उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाक़ों में अधिकतम तापमान औसत से क़रीब सात डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया है।
 
कोहरे की वजह से पटना में 24 घंटे में न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस गिर गया। यहां एक अपार्टमेंट के बाहर कई लोग एकसाथ बैठकर आग तापते हुए दिखे। इनमें अपार्टमेंट में रहने वाले लोग भी हैं और सिक्योरिटी गार्ड भी।
 
ठंड के मौसम में सब सिकुड़कर एक जगह इकट्ठा हो गए हैं। सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले विनोद सिंह बताते हैं, "इस साल ज़्यादा ठंड लग रही है। हमलोग दिनभर आग जलाकर बैठते हैं। इसी के सहारे सर्दी कट रही है।"
 
सेहत पर असर
डॉक्टर इस मौसम में दिल की बीमारी और ब्लड प्रेशर के मरीजों को ख़ास सावधानी रखने की सलाह दे रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक़ बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के कानपुर में ठंड की वजह से दिल का दौरा पड़ने से कई लोगों की मौत हुई है।
 
डॉक्टरों ने बताए बचाव के तरीके
राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, "ठंड से बचने के लिए एक मोटा कपड़ा पहनने से ज़्यादा अच्छा है कि आप कई कपड़े पहनें। इससे शरीर को ज़्यादा गर्मी मिलती है।"
 
वो कहते हैं, "दरअसल दो कपड़ों के बीच मौजूद हवा अच्छे इन्सुलेटर का काम करती है। यानी ये बाहर की ठंड को शरीर तक पहुंचने से रोकने में मोटे कपड़े से ज़्यादा कारगर उपाय है।"
 
संजय राय कहते हैं, "ठंड से बचने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है डायरेक्ट एक्पोज़र से बचना। इसलिए ज़्यादा ठंड के मौसम में सुबह की सैर बंद कर देनी चाहिए। इस दौरान प्रदूषण भी ज़्यादा होता है, जो ख़तरे को और भी बढ़ा देता है।"
 
बुजुर्ग और बीपी के मरीज़ बरतें ये सावधानी
संजय राय के मुताबिक़, "सर्दी के मौसम में इंसानों के शरीर में मौजूद धमनी और शिरा (वेन और आर्टरीज़) सिकुड़ जाते हैं। इससे 60 साल के उपर के लोगों को ज़्यादा ख़तरा होता है। उन्हें निमोनिया होने का ख़तरा होता है। इसके अलावा सांस की बीमारी वाले लोगों को भी सावधान रहना चाहिए।"
 
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर मोहसिन वली कहते हैं "बुज़ुर्गों को तो ज़्यादा कपड़े पहनकर सोना भी चाहिए और मॉर्निंग वॉक से बचना चाहिए। इसके अलावा महिलाएं आजकल ज़ीरो नेक वाले कपड़े पहनती हैं, यह ठंड से बचने का अच्छा उपाय है।"
 
डॉक्टरों के मुताबिक़, जाड़े में ब्लड प्रेशर के कई मरीज़ों को दवा की डोज़ भी बढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है। उनको नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर की जांच भी करानी चाहिए।
 
ऐसे मौसम में पांच साल से कम उम्र के बच्चों का भी ज़्यादा ध्यान रखना ज़रूरी है, ख़ासकर एक साल से कम उम्र के बच्चों का। क्योंकि उनके शरीर का थर्मल रेगुलेटर बहुत विकसित नहीं होता है। यानी उनका शरीर बाहरी तापमान से मुक़ाबला करने में कमज़ोर होता है।
 
सर्दी के मौसम में क्या खाएं
जाड़े के दिनों में खाने पीने की कई चीजें भारत में काफ़ी लोकप्रिय होती हैं। इनमें सुबह अदरक वाली चाय शरीर को तरोताज़ा करने में मदद करती है तो मूंगफली, गजक या तिलकुट और भुने शकरकंद को भी लोग खूब पसंद करते हैं।
 
डॉक्टर मोहसिन वली के मुताबिक़, "हाई कैलोरी वाली चीजों के अलावा फ़ाइबर (रेशेदार) और प्रोटीन वाले भोजन ठंड की वजह से पैदा होनी वाली बीमारियों से लड़ने में काफ़ी मददगार होते हैं।"
 
वली कहते हैं, "मेथी, केसर, बादाम और अखरोट जैसी चीजों से शरीर को काफ़ी उर्जा मिलती है। इसके अलावा आम घरों में इस्तेमाल होने वाले अदरक, सोंठ, शहद, रागी, गुड़, चना, मुंगफली, तिल की रेवड़ी और कलौंजी जैसी चीजों का ज़्यादा इस्तेमाल सर्दियों में काफ़ी अच्छा होता है।"
 
डॉ वली का कहना है, "लोग इस तरह की सारी सावधानी रखने के बाद भी कई बार ठंड की चपेट में आ जाते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण होता है रात के समय टॉयलेट जाना। लोग रजाई में सो रहे होते हैं और अचानक उठकर टॉयलेट चले जाते हैं। बुज़ुर्गों के लिए गर्म बिस्तर से निकलकर सीधा ठंड के संपर्क में आना एक बड़ा ख़तरा है।"
 
कब तक पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग के मुताबिक़, जनवरी महीने के दूसरे सप्ताह में ठंड से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। ख़ासकर अधिकतम तापमान में थोड़ी बढ़ोत्तरी से लोगों को दिन में थोड़ी राहत मिल सकती है।
 
मौसम वैज्ञानिक आर के जैनामनी के मुताबिक़, "हम अगले हफ़्ते दो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देख रहे हैं। इससे उत्तर भारत के कई इलाकों में तेज़ हवाएं चलेंगीं। जम्मू -कश्मीर और हिमाचल के कई इलाक़ों में बारिश की भी संभावना है। ऐसे में सात जनवरी से 11 जनवरी के बीच भारी कोहरे से राहत मिल सकती है।"
 
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