• Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. chennai pattarai perumbudur rome
Written By
Last Modified: मंगलवार, 12 जुलाई 2016 (11:49 IST)

30 हज़ार साल से लगातार आबाद ये गांव

30 हज़ार साल से लगातार आबाद ये गांव - chennai pattarai perumbudur rome
- के मुरलीधरन (बीबीसी संवाददाता, चेन्नई)
 
ज़्यादातर चेन्नई निवासी भले ही पत्तरई पेरमबुदूर से वाक़िफ़ ना हों, लेकिन तमिलनाडु की राजधानी से महज़ 55 किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव, एक ऐसा ऐतिहास है, इतना अनूठा कि तमिलनाडु के लोग इसपर गर्व कर सकते हैं।
तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग के मुताबिक़ इस गांव में लोग 30 हज़ार साल से भी ज़्यादा वक्त से रहते आ रहे हैं। पुरातत्वविदों का दावा है कि हाल में हुई खुदाई से, जिसमें कुछ ऐसी कलाकृतियां बरामद हुई हैं जो 30 हज़ार साल पुरानी हैं, पत्तरई पेरमबुदूर के प्राचीन गांव होने के दावे को और बल मिला है।
 
2015 में एक अध्ययन में लौह युग के बर्तनों के टुकड़े, पाषाण युग और उत्तर पाषाण युग (30,000 BC-10,000 BC) के समय के पत्थरों के औज़ार बरामद हुए थे।
 
इसके बाद ही तमिलनाडु सरकार ने इस जगह की खुदाई का फ़ैसला किया था। पत्तरई पेरमबुदूर में तीन महीनों तक चली खुदाई में बारह अलग स्थानों को खोदकर 200 से ज्यादा पुरातात्विक प्राचीन वस्तुओं को खोज निकाला गया।
तमिलनाडु राज्य पुरातत्व के उप निदेशक, आर सिवानन्थम कहते हैं, 'खुदाई के दौरान उत्तर पाषाण युग से रेत की परतें और लौह युग और प्रारंभिक ऐतिहासिक काल की प्राचीन वस्तुएं बरामद हुई हैं। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि ये जगह उत्तर पाषाण युग से लेकर अब तक बसा हुआ है।'
 
उत्तर पाषाण युग से दोनों तरफ़ से इस्तेमाल होने वाले पत्थर के औज़ार, नवपाषाण युग से मिट्टी के बर्तन और कुल्हाड़ियां, रोमन काल से जुड़ी वस्तुएं, दो फीट ऊंचा घड़ा, मिट्टी के बर्तन में खुदे तमिल ब्राह्मी लिपियां उन चंद दुर्लभ वस्तुओं में से हैं जिन्हें खुदाई के बाद बरामद किया गया।
 
पुरातत्वविदों का कहना है कि रोमन काल की चीज़े मिलना बेहद महत्वपूर्ण है। तमिलनाडु के तटीय शहर से रोमन युग के सामान हमेशा से पाए गए, लेकिन ये पहली बार है जब राज्य के किसी अंदरूनी जगह से ये सामान बरामद हुए हैं।
 
पुरातत्वविदों का कहना है कि पत्तरई पेरमबुदूर मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित होने के कारण संगम युग (300BC-400AD) में दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ता था और इसलिए पूर्व में इसके एक प्रमुख व्यापार केंद्र होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
एएसआई के पूर्व अधीक्षक पुरातत्वविद डॉ टी सत्यमूर्ति राज्य के पुरातत्विदों के दावों का समर्थन करते हुए कहते हैं कि पत्तरई पेरमबुदूर में 30 हज़ार सालों से लोग रह रहे हैं इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
 
वो कहते हैं, 'इस बात के सबूत हैं कि इस जगह के पास गुडियम गुफ़ाओं में क़रीब 50 हज़ार से 75 हज़ार साल पहले लोगों का बसेरा था। इसलिए इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।'
 
हालांकि सत्यमूर्ति ये भी कहते हैं कि इन दावों को पूरी तरह से साबित करने के लिए और अधिक रिसर्च की ज़रूरत है।
ये भी पढ़ें
शव की सफाई और गैर से सेक्स तक