गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. BBC Journalism webinars
Written By
Last Updated : मंगलवार, 15 दिसंबर 2020 (12:42 IST)

पत्रकारिता के वेबिनार- the BBC Way

पत्रकारिता के वेबिनार- the BBC Way - BBC Journalism webinars
इस अभूतपूर्व साल के दौरान बीबीसी की भारतीय भाषाओं की सेवाओं ने कई वेबिनारों के जरिये देश में आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े समुदायों से ताल्लुक रखने वाले पत्रकारिता और जनसंचार (mass communication) के छात्र-छात्राओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए रखा। 
 
‘जर्नलिज्म- द बीबीसी वे’ (‘Journalism - the BBC Way’) नाम से आयोजित इन वेबिनारों का मकसद यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को बीबीसी की पत्रकारिता के मानकों से परिचय कराना रहा है। इसके तहत हिंदी, गुजराती, मराठी, पंजाबी, तेलुगु और तमिल में उन्हें निष्पक्षता, सटीकता और तथ्यपरकता के उन मानकों के बारे में बताना है, जिन पर खुद बीबीसी की पत्रकारिता टिकी है। 
 
इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में भारतीय भाषाओं की बीबीसी प्रमुख रूपा झा ने कहा, “ पत्रकारों के तौर पर हमें हमेशा तर्कों को परखते रहना चाहिए। सर्वसम्मति पर सवाल करना चाहिए। पत्रकारों को निरंतर पर्याप्त निष्पक्षता से काम करने की ताकत से लैस होना चाहिए। इस महामारी के दौरान हमने देश के आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े समुदाय से आने वाले पत्रकारिता के छात्र-छात्राओं को इसके सबसे अहम पहलू के बारे में प्रशिक्षित किया और वह है – निष्पक्षता।”
 
यह कार्यक्रम पिछले दो साल से चल रहा है। इसके तहत हमने देश भर के पत्रकारिता के ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्र-छात्राओं का चयन किया। इन्हें बीबीसी के दिल्ली ब्यूरो के वरिष्ठ पत्रकारों और प्रोडक्शन टीम ने प्रशिक्षित किया। इन प्रशिक्षुओं को बीबीसी की भारतीय भाषाओं के टीवी, रेडियो, डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काम करने का मौका दिया गया।
 
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले चुके कुछ प्रशिक्षुओं ने कहा कि उन्होंने अब तक जो सीखा उसमें इसने काफी वैल्यू एडिशन किया।  
 
अनन्या दास 2018-19 के ट्रेनिंग प्रोग्राम की प्रशिक्षु थीं। अब  वह पूर्णकालिक तौर पर बीबीसी मॉनिटरिंग में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम ने मुझे एक ऐसी दुनिया का हिस्सा बनने का मौका दिया जो जटिलताओं, अवसरों और विचारों से भरी हुई है। इसमें जूझने के लिए नई चुनौतियां हैं”। इसने तालमेल बिठाने की मेरी क्षमताओं और अनुशासन को धार दी ताकि मैं एक डायनेमिक माहौल में एक साथ कई काम कर सकूं। मुझे वह सबक याद है कि सुनना भी सुने जाने जितना ही अहम है। एक व्यक्ति और एक पेशेवर दोनों रूप में मुझे ऐसे सबकों का फायदा मिला।”
 
बीबीसी मराठी सेवा में योगदान दे रहे कैलाश पिंपलकर ने कहा, “  बीबीसी मेरे लिए एक परिवार की तरह है। यहां हर किसी से एक जैसा व्यवहार होता है। हर कोई एक समान प्लेटफॉर्म पर काम करता है। मैं ग्रामीण पृष्ठभूमि का हूं । मैंने कभी नहीं सोचा था कि बीबीसी जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन में काम करूंगा। बीबीसी पत्रकारिता का आदर्श उदाहरण है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे बीबीसी में काम करने का मौका मिला। बीबीसी की ट्रेनिंग स्कीम ने मेरी पत्रकारिता और सोशल मीडिया के कौशल को और निखारा। यह कौशल जिंदगी भर मेरी मदद करेगा। ”
 
2019-20 में चलाई गई ट्रेनिंग स्कीम में शामिल रहे चितवन विनायक अब एक नामी मीडिया संस्थान में काम करते हैं। उनक कहना है, “ बीबीसी के ट्रेनिंग प्रोग्राम ने उनके ज्ञान के स्तर को काफी ऊंचा उठा दिया क्योंकि यह पत्रकारिता में आपको हर कौशल से लैस करता है। यह आपको संपूर्ण ट्रेनिंग देता है। बेहतरीन पेशेवरों की ओर से सीखने की वजह से मैं पत्रकारिता  की आचारसंहिता जैसे विषय पर महारत हासिल कर सका। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सोशल मीडिया पर जोर था। इसने मेरे कौशल को और मांज दिया। बीबीसी ने ही बताया कि अपनी स्टोरी को किस तरह और चमकाया जाए। साथ ही यहां मैंने यह भी सीखा कि वीडियो बना कर इसे पेश कैसे किया जाए। बीबीसी से मैंने जो सीखा उसी की बदौलत मैंने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों में काम करने का मौका पाया”
ये भी पढ़ें
इंग्लैंड में फैलती कोरोना की नई किस्म कितनी घातक