प्रसिद्ध गीतकार गुलजार को अपना पाकिस्तान दौरा अधूरा छोड़कर भारत वापस लौटना पड़ा। इस दौरे में उनके साथ फिल्मकार विशाल भारद्वाज भी थे जिनकी फिल्म 'डेढ़ इश्किया' के लिए लाहौर में एक कव्वाली की रिकॉर्डिंग होनी थी जो नहीं हुई।
15 फरवरी से कराची में होने वाले साहित्य समारोह के लिए भी गुलजार मुख्य वक्ता थे। इस आकस्मिक वापसी को लेकर पाकिस्तानी मीडिया में खबर आ रही है कि सुरक्षा कारणों को लेकर भारतीय उच्चायुक्त ने गुलजार को वापस भेज दिया।
साथ ही ये भी कहा गया कि गुलजार की वापसी का कारण पाकिस्तान में अफजल गुरु की फांसी को लेकर हो रही कड़ी आलोचनाएं भी हैं। हालांकि गुलजार और विशाल की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कुछ और ही बात सामने आई है।
कुछ राजनीतिक नहीं : इस रिलीज में लिखा गया है, 'हम वहां डेढ़ इश्किया की रिकॉर्डिंग के लिए गए थे। गुलजार साब यहां अपने मेंटर प्रसिद्ध शायर अहमद नदीम काजमी की दरगाह पर भी गए। 70 साल बाद गुलजार अपने जन्म स्थान दीना भी पहुंचे जहां पर वो काफी भावुक और तनावग्रस्त हो गए।'
रिलीज में आगे लिखा गया है, 'लाहौर में होटल पहुंचने के बाद भी बेचैन थे। इसलिए विशाल ने रिकॉर्डिंग कैंसल करके उन्हें वापस भारत भेजने का निर्णय किया। इन सबमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। जैसे ही गुलजार साब ठीक होते हैं, हम जल्द ही पाकिस्तान जाकर रिकॉर्डिंग पूरी करेंगे।'
वहीं बीबीसी के इस्लामाबाद स्थित संवाददाता अबद उल हक ने पाकिस्तानी शायर अयूब खावर से बातचीत की, जो बुधवार की दोपहर को गुलजार के साथ लंच करने वाले थे।
अयूब ने बताया कि उनके पास फोन आया था कि किसी इमरजेंसी के कारण गुलजार वापस जा रहे हैं। पूरी वजह उन्हें नहीं बताई गई।
वहीं पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर छापी है कि भारतीय उच्चायुक्त ने मीडिया की रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा है कि गुलजार एक निजी दौरे पर आए थे और उन्हें वापस भेजने के लिए आयुक्त किसी तरह से जिम्मेदार नहीं है।
83 वर्षीय गुलजार के इस पाकिस्तान दौरे में विशाल के अलावा उनकी पत्नी रेखा भारद्वाज और पाकिस्तानी फिल्म निर्देशक शहजाद रफीक भी थे।