जॉर्जिया में एक 16 वर्षीय लड़की को उसकी शादी की रात हिरासत में लेने की घटना सामने आई है। उसके होने वाले पति ने शादी से पहले इस लड़की का कौमार्य भंग होने का आरोप लगाया है।
विवाह की रात को उसके पति का परिवार उसे जबरन खींच कर स्थानीय पुलिस थाने ले गया। इस लडकी से थाने में रात भर पूछताछ की गई। इस लड़की का कहना है कि इस दौरान उसका कोई वकील मौजूद नही था।
इस लड़की का कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने उसे मानसिक यातना दी है। उसका ये भी कहना है कि पुलिस उस पर चिल्लाई, गालियां दी और उसका अपमान किया।
इस मामले ने जॉर्जिया में भारी तूल पकड़ लिया है। अब इस लड़की का परिवार इस मामले को अदालत में ले जाना चाहता है। कानूनी वजहों से इस लड़की की पहचान गुप्त रखी गई है।
रुढ़िवादी समाज : मानवाधिकार समूह इस घटना को घरेलू हिंसा के रुप में देख रहे हैं और जॉर्जिया के न्याय मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात करना चाहते हैं।
जॉर्जिया में महिलाओं के साथ अक्सर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाता है। इस मामले ने जॉर्जिया के रुढ़िवादी समाज की नब्ज को छुआ है।
जॉर्जिया के समाज में ऑर्थोडोक्स चर्च काफी प्रभावशाली है। चर्च के लोगों का मानना है कि शादी के समय लड़की का कुंवारी होना जरुरी है, हांलाकि ये बात पुरुषों पर लागू नही होती।
पत्रकारों का कहना है कि इस मामले से वहां रुढ़िवादी और पश्चिमी सभ्यता अपनाने वालों के बीच बहस छिड़ गई है।
लेकिन, जॉर्जिया की वर्तमान सरकार आधुनिक विचारों वाली है और उसका झुकाव पश्चिमी देशों की तरफ है। जॉर्जिया यूरोपीय संघ में शामिल होना चाहता है, इसलिए शादी से पहले लड़की के यौन संबंध के मुद्दे पर विवाद गहराता जा रहा है।