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Last Modified: बुधवार, 15 सितम्बर 2021 (17:35 IST)

कौनसी पुरानी गाड़ियां बन रही हैं लोगों की पसंद, जानिए...

कौनसी पुरानी गाड़ियां बन रही हैं लोगों की पसंद, जानिए... - Which old vehicles are becoming people's choice, know
नई दिल्ली। महामारी की वजह से पर्सनल मोबिलिटी परिवहन के प्रति बढ़ते रुझान की वजह से पुराने वाहनों की मांग में भी तेजी आने लगी है औेर लोगों के बीच कारों में मारुति की विटारा ब्रीजा और मोटरसाइकल में बजाज पल्सर सबसे लोकप्रिय वाहन हैं।

ऑनलाइन ऑटोमोबाइल मार्केट प्लेटफॉर्म ड्रूम ने 2021 की पहली छमाही के लिए अपना सेल्स ट्रेंड का डेटा जारी किया है, जिसके आधार पर यह दावा किया गया है। महामारी की वजह से पर्सनल मोबिलिटी परिवहन का पसंदीदा तरीका हो गया है, इस वजह से ड्रूम ने पुराने चार पहिया वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है और दोपहिया वाहनों के बिक्री के आंकड़े में भी दिलचस्प रुझान देखे हैं।

कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली छमाही के ट्रेंड ने पुराने चार-पहिया वाहनों की श्रेणी में मांग में उछाल देखा गया है। मारुति सुजुकी विटारा ब्रीज़ा, बलेनो, होंडा सिटी और हुंडई वरणा जैसी कारें पुराने कारों के सेगमेंट में सबसे लोकप्रिय वाहन बनकर उभरे हैं।

पुराने दुपहिया वाहनों में बजाज पल्सर की लोकप्रियता कायम है। इसके बाद होंडा एक्टिवा 3जी और टीवीएस अपाचे आरटीआर का स्थान आता है। कावासाकी निंजा और मर्सिडीज-बेंज ई क्लास लग्जरी वाहन सेगमेंट में क्रमशः सबसे लोकप्रिय लक्जरी बाइक और कार साबित हुई है।

पिछले 6 महीनों में खरीदारों ने डीजल कारों की तुलना में पेट्रोल वैरिएंट को लेकर ज्यादा रुचि दिखाई है। 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देते हुए भारत निर्मित वाहन चार्ट में सबसे ऊपर हैं और उसके बाद जापानी और ऑस्ट्रेलियाई वाहन निर्माता हैं।
मैनुअल ट्रांसमिशन कारों में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की तुलना में भारी बढ़त देखी गई, अधिकांश ग्राहकों ने मैनुअल से अधिक ऑटोमैटिक का विकल्प चुना। ड्रूम ट्रेंड रिपोर्ट यह भी बताती है कि दिल्ली, जयपुर, मुंबई और हैदराबाद पुराने वाहनों की मांग को लेकर सबसे बड़े बाजार बनकर उभरे हैं।

ड्रूम के संस्थापक और सीईओ संदीप अग्रवाल ने कहा ड्रूम में हमारी कोशिश डिजिटल तौर-तरीकों को अपनाने को बढ़ावा देना और इसमें तेजी लाने की है। वाहनों के ऑनलाइन लेनदेन की डील को क्लोज करने में सक्षम बनाते हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से हम भारत में वाहन लेनदेन के सदियों पुराने तरीकों को बदल रहे हैं। 2021 का वर्ष मानव जीवन के लिए बहुत मुश्किल रहा है लेकिन कारोबार और उद्योग ने लचीलापन दिखाया।
इस नए नॉर्मल में उन्होंने अपने आपको ढाला है। व्यवहार्यता और सुरक्षा सहित विभिन्न कारणों से पर्सनल मोबिलिटी की बढ़ती मांग से मिली सहायता ने मार्केट में तुरंत रिकवरी कराई। महामारी की वजह से आय कम होने या नौकरी गंवाने वाले लोगों के लिए आर्थिक अनिश्चितता पैदा हुई है, जिसने उपभोक्ताओं के बीच पुराने वाहनों को अपनाने को बढ़ावा दिया है।(वार्ता)
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