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  4. Jupiter sets, 4 zodiac signs will have to be careful till July 9
Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 10 जून 2025 (14:45 IST)

गुरु ग्रह अस्त, 4 राशियों को रहना होगा 9 जुलाई तक संभलकर

Jupiter sets
guru asta 2025: गुरु ग्रह 10 जून 2025 से 7 जुलाई 2025 तक अस्त रहने वाले हैं। कुछ पंचांग 12 जून 2025 से लेकर 9 जुलाई 2025 तक अस्त मान रहे हैं। गुरु के अस्त होने से सभी तरह के मांगलिक और वैवाहिक कार्य बंद हो जाते हैं। बृहस्पति ग्रह एक महत्वपूर्ण और बड़ा ग्रह है जिसके कारण धरती की जलवायु बेहतर बनी रहती है। बृहस्पति का गोचर साल में एक बार बदलता है और साल में एक बार ही बृहस्पति ग्रह अस्त होता है। बृहस्पति ग्रह के अस्त होने का सभी राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसी के साथ ही इसका देश और दुनिया पर गहरा असर होगा। जानिए कौनसी 4 राशियों को रहना होगा संभलकर।ALSO READ: गुरु ग्रह अस्त, भारत पर कैसा रहेगा इसका प्रभाव?
 
1. वृषभ राशि: बृहस्पति आपकी कुंडली में दूसरे भाव में अस्त हुए हैं। बृहस्पति के अस्त होने के कारण आमदनी के स्रोत में रुकावट आ सकती है। पारिवारिक मामलों में भी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कारोबारी हैं तो निवेश इत्यादि के मामले में गंभीरता पूर्वक काम करना जरूरी रहेगा। नौकरीपेशा हैं तो वाणी पर संयम रखें।
 
2. कन्या राशि: आपकी कुंडली के चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी बृहस्पति का दशम भाव में अस्त होना शुभ नहीं माना जा सकता। वैसे तो दशम भाव में गुरु के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। यह मानहानि करवा सकता है। व्यापार व्यवसाय में रुकावट आ सकती है। नौकरीपेशा हैं तो आपको सतर्कता से काम लेना होगा। दांपत्य जीवन में यह मिश्रित परिणाम दे सकता है। यात्राओं को टालना चाहिए। 
 
3. वृश्चिक राशि: आपकी कुंडली के आठवें भाव में गुरु का अस्त होना सेहत को बिगाड़ सकता है। धन संपत्ति का नुकसान हो सकता है। हालांकि शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में यदि कहीं से कोई रुकावट या परेशानी रही है, तो वह भी अब दूर हो सकती है। विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करना होगी।
 
4. कुंभ राशि: आपकी कुंडली के पंचम भाव में गुरु का अस्त होना संतान पक्ष की ओर से आपको चिंता में डाल सकता है। शिक्षा में जो तरक्की अपने हाल फिलहाल महसूस की थी उसमें थोड़ी सी कमी देखने को मिल सकती है। कारोबारी है तो कम मुनाफे से संतुष्ट रहना होगा। उधार के लेनदेन से बचना भी समझदारी का काम होगा। नौकरीपेशा को स्थानांतरण का भय सताएगा।
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