मार्च माह ज्योतिष की नजर में
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मार्च 09 को मंगल कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इसके परिणामस्वरूप सभी धान्यों के भाव में तेजी आएगी एवं अन्य प्रकार की वस्तुएँ भी महँगी होंगी किंतु लोग निर्भय रहेंगे। इस माह बुध कुंभ राशि में रहने से अन्नादि के भाव में प्रभाव पड़ेगा (विशेषकर समभाव)। इसी के साथ शुभ-अशुभ फल मिलते हैं। इस माह चतुर्ग्रही योग बन रहे हैं। इसके प्रभाव से कहीं रक्तपात या जलप्लावन होगा। जन-धन की हानि होगी। वन्यजीवों का नाश होने की आशंका बनती है। शनि एवं मंगल षडाष्टक योग बना रहे हैं जो अशुभकारी है। दुर्घटना, अग्निकांड, आतंकवादी गतिविधियों, बम-विस्फोटादि से भय एवं अशांति का वातावरण उत्पन्न करेगा। इस प्रथम से द्वितीय पखवाड़े में चतुर्ग्रही योग बनने से ऋतु में अचानक परिवर्तन से तेज हवाओं के साथ छिटपुट बूँदाबाँदी होगी। कहीं-कहीं ओलावृष्टि की संभावना है। दक्षिण भारत में गर्मी तेज होगी। राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में दिन में गर्मी तथा रात्रि में शीत बढ़ेगी। 13 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा। इसके फलस्वरूप उत्तर, पूर्व, देशों में अशांति, कष्ट, शिशु को कष्ट, इसी के साथ दक्षिण देशों में युद्ध आदि का भय रहेगा। पश्चिम में सुख रहेगा।
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ईशान्ये यत्र दृष्टि: स्यात नृपमन्यते ग्रासितम्। देश भङणं- विजानीयात शिशुनां च विनाशाहि।।' बुध का मीन राशि में प्रवेश होगा। इसके फलस्वरूप मृग एवं हाथी पर विपत्ति आएगी। इसी के परिणामस्वरूप सरकार एवं प्रजा का विरोध बढ़ेगा। देश में अशांति का भय बना रहेगा। शनि एवं मंगल के कुप्रभाव से विश्व में अशांति का वातावरण बना रहेगा। माह के अंतिम दो सप्ताह में बम विस्फोट, अग्निकांड, विमान दुर्घटना एवं आतंकवादी दुर्घटना का भय रहेगा। जलप्लावन एवं प्राकृतिक प्रकोपों से लोगों को कष्ट आएगा। बुध ग्रह पूर्व में अस्त हो रहा है। इसके फलस्वरूप गेहूँ, चावल आदि अनाजों के भाव बढ़ेंगे। इसी के साथ अन्य अनाज में भी प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ सोने में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। मंगल के प्रभाव से कृषि हानि होगी। माह के अंत में शुक्र एवं बुध सूर्य के साथ विराजमान हैं। इसके फलस्वरूप पर्वतीय क्षेत्रों में तेज प्रवाह के साथ बूँदाबाँदी के योग बनते हैं। मैदानी भाग में गर्मी बढ़ेगी। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार में बादल की चाल के साथ तेज हवा चलेगी। कहीं-कहीं बूँदाबाँदी की संभावना बनती है। इति शुभम् ।