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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 (13:59 IST)

Diwali 2025 kab hai: दिवाली 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर, कब करें लक्ष्मी पूजा?

दिवाली कब है 2025
Diwali 2025 kab hai: वर्ष 2025 में दिवाली की तिथि को लेकर काल निर्णय (21 अक्टूबर) और लाला रामस्वरूप (20 अक्टूबर) जैसे प्रतिष्ठित पंचांगों के बीच मतभेद होने का मुख्य कारण हिन्दू शास्त्रमत की दो अलग-अलग व्याख्याएँ हैं, जो अमावस्या तिथि और प्रदोष काल पर आधारित हैं।
 
शास्त्रमत और सही तिथि:
शास्त्रों और प्रमुख ज्योतिष विद्वानों की आम राय के अनुसार, दिवाली (लक्ष्मी पूजन) का सही दिन 20 अक्टूबर 2025, सोमवार ही है। यहां इसकी विस्तृत व्याख्या दी गई है:-
 
1. तिथि की स्थिति (Amavasya Tithi Timings)
कार्तिक अमावस्या तिथि का आरंभ: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार, को दोपहर 03:44 PM बजे।
कार्तिक अमावस्या तिथि का समापन: 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार, को शाम 05:54 PM बजे।
2. शास्त्रमत का नियम (The Shastric Principle):-
-हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए दो बातों का समन्वय सबसे महत्वपूर्ण है:
-प्रदोष काल (Pradosh Kaal): सूर्यास्त के बाद का लगभग ढाई घंटे का समय। लक्ष्मी पूजन मुख्य रूप से इसी प्रदोष काल में किया जाता है।
-अमावस्या तिथि की व्याप्ति: प्रदोष काल के दौरान अमावस्या तिथि का होना अनिवार्य है।
 
20 अक्टूबर (सोमवार) का पक्ष:-
-20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि दोपहर 03:44 PM से शुरू हो रही है।
-इस दिन सूर्यास्त (Sunset) लगभग 05:46 PM (दिल्ली के लिए) पर होगा।
-प्रदोष काल (05:46 PM से लगभग 08:18 PM तक) पूरी तरह से अमावस्या तिथि से युक्त है।
 
निष्कर्ष: चूंकि प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मिल रही है, इसलिए 20 अक्टूबर 2025 को दीपावली मनाना शास्त्र-सम्मत और सर्वमान्य है। काशी विद्वत परिषद और अधिकांश धर्मगुरुओं का मत इसी तिथि के पक्ष में है।
21 अक्टूबर (मंगलवार) का पक्ष:-
-21 अक्टूबर को सूर्योदय (Uday Tithi) के समय तो अमावस्या तिथि है, लेकिन यह तिथि शाम 05:54 PM पर समाप्त हो रही है।
-इस दिन सूर्यास्त (Sunset) लगभग 05:45 PM (दिल्ली के लिए) पर होगा।
-प्रदोष काल शुरू होने के कुछ ही देर बाद अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी और प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी।
 
3. पंचांगों में मतभेद का कारण:-
20 अक्टूबर (लाला रामस्वरूप आदि): यह पंचांग प्रदोष व्यापिनी अमावस्या (वह दिन जब सूर्यास्त के बाद अमावस्या हो) के सिद्धांत को प्राथमिकता देता है। यह सिद्धांत लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
 
21 अक्टूबर (काल निर्णय आदि): कुछ पंचांग उदया तिथि (वह तिथि जो सूर्योदय के समय हो) को प्राथमिकता देते हैं। 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि है, इसलिए कुछ पंचांग इसे दिवाली के रूप में चिन्हित कर सकते हैं, हालाँकि यह लक्ष्मी पूजा के समय (प्रदोष काल) के लिए कम उपयुक्त है।
 
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