Diwali 2025 date: दिवाली कब है वर्ष 2025 में, एक बार फिर कन्फ्यूजन 20 या 21 अक्टूबर?
diwali date 2025
Diwali 2025: दीपावली आ रही है और इसी के साथ ही इसकी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन भी सामने आने लगा है। इसलिए इस बार हम पहले ही इसकी तिथि को स्पष्ट कर दे रहे हैं। दिवाली का पर्व कार्तिक माह की अमावस्या की रात को मनाया जाता है। कार्तिक अमावस्या की रात में ही माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इससे यह सिद्धि हुआ की यह रात में मनाए जाने वाला पर्व है।
दिवाली का पर्व पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। हर साल लोग बेसब्री से दिवाली की सही तिथि जानने का इंतजार करते हैं। इस बार एक सवाल उठता है दिवाली 2025 में कब है? 20 अक्टूबर को या कि 21 अक्टूबर को? इसके लिए सबसे पहले जान लें कि कार्तिक अमावस्या की तिथि कब से कब तक रहेगी?
कार्तिक अमावस्या तिथि:-
अमावस्या तिथि प्रारम्भ- 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर बाद 03:44 बजे से प्रारंभ।
अमावस्या तिथि समाप्त- 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05:54 बजे समाप्त।
20 अक्टूबर को ही क्यों हैं दिवाली का पर्व: हिंदू धर्म में कुछ त्योहार दिन में और कुछ त्योहार रात में मनाने का शास्त्र नियम है। परंपरा से दीपावली अमावस्या तिथि की रात को मनाते हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, जब अमावस्या तिथि का संपूर्ण प्रभाव 20 नवम्बर को है, तो उस दिन दिवाली मनाना अधिक शुभ और फलदायी होगा। यह दिन देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उत्तम है। इसी दिन निशीथ काल मुहूर्त भी रहेगी। क्योंकि अगले दिन अर्थात 21 अक्टूबर की रात को अमावस्या तिथि नहीं रहेगी।
नोट: कुछ ज्योतिष या पंडित उदयातिथि के अनुसार 21 अक्टूबर 2025 दिपावली मनाने की सलाह दे सकते हैं, लेकिन हमारे विचार स्पष्ट है कि दीपावली 20 अक्टूबर को ही रहेगी, क्योंकि यह त्योहार उदयातिथि देखकर मनाया जाने वाला त्योहार नहीं है। प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि में ही दिवाली मनाते हैं जो कि 20 अक्टूबर को ही रहेगी। दीपावली के समय प्रदोषकाल और निशिथ काल की पूजा होती है जो कि आपको 20 अक्टूबर को ही मिलेगी।
20 अक्टूबर 2025 दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त:-
रूप चौदस का स्नान मुहूर्त: प्रात: 04:46 से 06:25 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:48 से 12:34 तक।
विजयी मुहूर्त: दोपहर 02:07 से 02:53 तक।
गोधुली मुहूर्त: शाम 05:57 से 06:22 तक।
संध्या पूजा: शाम 05:57 से 07:12 तक।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- शाम 07:23 से रात्रि 08:27 के बीच।
प्रदोष काल- शाम 05:57 से 08:27 के बीच।
वृषभ काल- रात्रि 07:23 से 09:22 के बीच।
निशीथ काल पूजा : रात्रि 11:47 से 12:36 तक।
20 अक्टूबर 2025 चौघड़िया मुहूर्त:
अमृत: प्रात: 06:25 से 07:52 तक।
शुभ: सुबह 09:18 से 10:45 तक।
लाभ: दोपहर बाद 03:04 से 04:31 तक।
अमृत: शाम 04:31 से 05:57 तक।
चर: शाम 05:57 से रात्रि 07:31 तक।
लाभ: मध्यरात्रि 10:38 से 12:11 तक।
नोट: मुहूर्त और चौघड़िया के समय में 2 से 5 मिनट की घट-बढ़ रहती है। राहुकाल सुबह 07:52 से 09:18 के बीच रहेगा। इस समय कोई कार्य न करें।
माता लक्ष्मी की पूजा कैसे करें?
1. नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद माता लक्ष्मी के मूर्ति या चित्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें।
2. मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।
3. धूप, दीप जलाएं। फिर देवी के मस्तक पर हल्दी कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं।
4. पूजन में अनामिका अंगुली यानी रिंग फिंगर से गंध, चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी लगाना चाहिए। फिर नैवेद्य (भोग) अर्पित करें।
5. इसके बाद माता की आरती उतारें। आरती एवं पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें।