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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (14:52 IST)

पौष पुत्रदा एकादशी 2025, संतान की कामना या उन्नति के लिए क्या करें?

पौष पुत्रदा एकादशी 2025, संतान की कामना या उन्नति के लिए क्या करें? - What to do for the desire or progress of a child
Paush Shukla Ekadashi: आज पौष पुत्रदा एकादशी व्रत मनाया जा रहा है। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत रखने से भगवान की अपार कृपा मिलती है और सभी कष्ट दूर होते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पुत्रदा एकादशी की तिथि पर पुत्र/संतान की प्राप्ति तथा उन्नति के लिए निम्न कार्य करना उचित रहता है।ALSO READ: Putrada Ekadashi : साल 2025 की पहली एकादशी आज, जरूर पढ़ें पुत्र प्राप्ति देने वाली यह व्रत कथा

आइए यहां जानते हैं इस दिन संतान पाने हेतु क्या किया जा सकता है... 
 
1. इस दिन सुबह स्नानादि के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ा दें। 
 
2. उसके बाद मां तुलसी तथा श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा-अर्चना करें।
 
3. यदि संभव हो तो पति-पत्नी दोनों व्रत रखकर एकसाथ लक्ष्मी-नारायण की पूजा संपन्न करें।ALSO READ: Vaikunta Ekadashi 2025 : जनवरी माह में वैकुंठ एकादशी कब है? जानें सही डेट
 
4. प्रातः के समय पति-पत्नी दोनों ही भगवान श्री कृष्ण की उपासना करके चरणामृत ग्रहण करें। 
 
5. आज के दिन विशेषकर पुण्य कार्य करें, जैसे- गाय की सेवा करें। ब्राह्मण को योग्य दान-दक्षिणा दें। असहाय लोगों को वस्त्र या जरूरत की चीजों को दानस्वरूप दें। पारण वाले दिन भोजन का थोड़ा हिस्सा गाय-बछड़े को अवश्य खिलाएं।
6. पुत्रदा एकादशी के दिन शुद्ध गाय के देसी घी का दीया जलाकर श्रीविष्‍णु के मंत्र, संतान गोपाल मंत्र, श्री रामचरितमानस तथा गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ करें। 
 
7. पौष महीने में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी खासकर संतान प्राप्ति के लिए जानी जाती है, अत: श्रीहरि नारायण के पूजन के पश्चात अपनी मनोकामना पूर्ण करने की विनती करें। 
 
8. सात्विकतापूर्वक व्रत रखकर तथा रात्रि जागरण करके श्रीहरि, कृष्‍ण आदि के भजन-कीर्तन तथा उनके प्रिय मंत्रों का जाप करते हुए व्रत को संपन्न करें। तत्पश्चात अगले दिन भगवान को सात्विक भोजन का भोग लगाकर पारण करके व्रत का लाभ उठाएं। 
 
इस तरह यह व्रत पूर्ण करने से संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है तथा संतान को लंबी आयु, सुख-संपन्नता तथा संतान की उन्नति के रास्ते खुलते हैं और संतान संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों के संतान नहीं है उनको तो यह व्रत अवश्य ही करना चाहिए।ALSO READ: पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2025, जानिए महत्व, पूजा विधि और पारण का समय

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