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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 30 जून 2025 (13:52 IST)

सावन मास में कितने और कब कब प्रदोष के व्रत रहेंगे, जानिए महत्व और 3 फायदे

Sawan Pradosh Vrat 2025
Sawan Pradosh 2025 date:  धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है और प्रदोष व्रत इस पवित्र महीने में और भी अधिक फलदायी माने जाते हैं। प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है और यह त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है।ALSO READ: सावन सोमवार में कब करें शिवजी का रुद्राभिषेक, क्या है इसकी विधि?
 
हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2025 में सावन मास में दो प्रदोष व्रत पड़ेंगे:
1. पहला प्रदोष व्रत, जो कि भौम प्रदोष के नाम से जाना जाएगा, यह 22 जुलाई 2025, मंगलवार को पड़ रहा है। यह व्रत सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को पड़ेगा।
2. दूसरा प्रदोष व्रत जो कि बुध प्रदोष होगा। यह 06 अगस्त 2025, दिन बुधवार को रखा जाएगा, और तिथिनुसार यह व्रत सावन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को पड़ेगा।
 
प्रदोष व्रत का महत्व : धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे शुभ व्रतों में से एक माना जाता है। सावन मास में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि सावन का महीना भगवान शिव का महीना होने के साथ ही यह भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय मास है।

पौराणिक मान्यता है कि प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद के समयावधि में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं और सभी देवी-देवता उनकी स्तुति करते हैं। इस समय शिव पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अत: त्रयोदशी की संध्या समय शिव-पार्वती की पूजा करने से उनकी विशेष अनुकंपा प्राप्त है।ALSO READ: सावन सोमवार में कब करें शिवजी का रुद्राभिषेक, क्या है इसकी विधि?
 
आइए अब यहां जानते हैं प्रदोष व्रत के 3 प्रमुख फायदे:
 
1. रोग और दोष से मुक्ति: प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को रोगों और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत स्वास्थ्य लाभ के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।
 
2. ग्रह दोषों का निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रदोष व्रत विभिन्न ग्रह दोषों को शांत करने में सहायक होता है। विशेषकर, मंगलवार को पड़ने वाला भौम प्रदोष व्रत मंगल ग्रह से संबंधित दोषों को दूर करता है और बुधवार को पड़ने वाला बुध प्रदोष व्रत बुध ग्रह से संबंधित समस्याओं को कम करता है।
 
3. मनोकामना पूर्ति और मोक्ष: प्रदोष व्रत भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है, चाहे वह संतान प्राप्ति हो, धन-समृद्धि हो या वैवाहिक सुख। साथ ही यह व्रत मोक्ष और आध्यात्मिक शांति देने में भी सहायक होता है। अत: सावन के इन प्रदोष व्रतों में भगवान शिव की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना करने और व्रत रखने से समस्त शिवभक्तों को भोलेनाथ का विशेष आशीर्वाद अवश्य ही प्राप्त होता है।
 
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