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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 28 जून 2025 (15:07 IST)

सावन मास में उज्जैन में महाकाल बाबा की प्रथम सवारी कब निकलेगी?

mahakal damaru
Mahakaleshwar sawari ujjain 2025 : इस बार 11 जुलाई 2025, दिन शुक्रवार से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है। सावन मास का पहला सोमवार 14 जुलाई को रहेगा और इसी दिन महाकाल बाबा की पहली सवारी निकलने वाली है। सावन में उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की शाही सवारी 14 जुलाई से 18 अगस्त तक चलेगी।
 
महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। 
 
महाकाल की शाही सवारी का मार्ग:
भगवान महाकाल की सवारी को सबसे पहले मंदिर के द्वार पर 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया जाएगा। इसके बाद सवारी आरंभ होगी। सवारी अपने पारंपरिक मार्ग यानी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्शी बाजार और कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर, भगवान महाकाल को शिप्रा नदी के पवित्र जल से स्नान कराया जाएगा और पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद, सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आएगी।
 
कावड़ यात्रियों के लिए व्यवस्था: कावड़ यात्रियों को पूर्व सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर द्वार नंबर 04 से प्रवेश देकर विश्रामधाम, रेम्प, सभा मंडपम में जल पात्र के माध्यम से बाबा महाकाल को जल अर्पण करने की व्यवस्था की गई है। द्वार नंबर 01 के रास्ते से भी फेसेलिटी सेंटर 01, टनल के रास्ते, मंदिर परिसर, कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से जल अर्पण कर सकते हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के आने वाले कावड़ यात्री की व्यवस्था सामान्य दर्शन की तरह रहेगी। उक्त कावड़ यात्री कार्तिक मंडपम में लगे जल पात्र में जल अर्पण करेंगे।
 
 
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