Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 18 नवंबर 2009 (23:59 IST)
लिब्रहान रिपोर्ट पर सरकार ने किया टालमटोल
लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट को गुरुवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने के मुद्दे पर सरकार ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि यह एक बहुत ही बड़ा दस्तावेज है और इसे एटीआर के साथ पेश किया जाना है। मैं नहीं बता सकता। मुझे नहीं पता कि गृह मंत्रालय में उस रिपोर्ट की वास्तविक स्थिति क्या है?
संवाददाताओं ने उनसे पूछा था कि क्या सरकर की इस रिपोर्ट के सौंपे जाने से छह महीने की अवधि के अंदर इसे एटीआर के साथ संसद में पेश करने की योजना है। छह महीने की अवधि 30 दिसम्बर को पूरी हो रही है।
एक सवाल के जवाब में बंसल ने कहा कि सरकार को राज्य सभा में बहुमत न होने के बावजूद गन्ना मूल्य सहित अनके जटिल मुद्दों से निपटना है। उन्होंने कहा कि हम सभी मित्रों का साथ लेने का प्रयास करेंगे। हम इस पर चर्चा के लिए तैयार हैं और उनके विचारों का स्वागत है। विपक्ष से हमारा एक ही अनुरोध होगा कि वे सरकार को सहयोग करें।
गौरतलब है कि भाजपा ने गन्ना नियंत्रण संशोधन आदेश के सवाल पर सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की पहले ही घोषणा कर दी है। (भाषा)