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Written By भाषा
Last Modified: इंदौर (भाषा) , मंगलवार, 9 दिसंबर 2008 (12:38 IST)

दिवंगत मंत्रियों की पत्नियाँ चुनावी रण में

एक को मिली जीत, दूजी को मात

दिवंगत मंत्रियों की पत्नियाँ चुनावी रण में -
हालिया चुनाव में इंदौर से विधायक बनने की चाह रखने वाले 85 नए-पुराने उम्मीदवारों में मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार के दो दिवंगत मंत्रियों की पत्नियाँ भी शामिल थीं।

दोनों महिलाएँ घर की देहरी लाँघ पहली बार चुनावी रण में उतरीं और प्रचार के दौरान अपने-अपने दिवंगत पति की तस्वीर सामने रखकर वोट माँगे। लिहाजा चुनावी जानकारों का मानना है कि इन्हें बड़ी उम्मीद सहानुभूति लहर से ही थी।

लेकिन चुनाव परिणाम ने साफ कर दिया कि इंदौर की सियासी फिजा में सहानुभूति लहर हर जगह एक जैसी नहीं बहती। नतीजतन इनमें से एक को मतदाताओं ने सिर-आँखों पर बैठाकर विधानसभा पहुँचाया तो दूसरी को चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा।

इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक चार से भारी जनमत के साथ चुनाव जीतने वाली मालिनी गौड़ प्रदेश के दिवंगत शिक्षामंत्री लक्ष्मणसिंह गौड़ की पत्नी हैं। गौड़ की इस साल सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

उधर साँवेर सीट पर कांग्रेस विधायक तुलसी सिलावट को चुनाव में भाजपा की ओर से चुनौती देने वाली निशा सोनकर कोई और नहीं बल्कि प्रदेश सरकार के दिवंगत वन राज्यमंत्री प्रकाश सोनकर की पत्नी हैं। सोनकर की वर्ष 2007 में दिल के दौरे से मौत हो गई थी।

गौड़ और सोनकर की अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में तूती बोलती थी, लेकिन जब भाजपा के दोनों मंत्रियों की मौत के बाद इनकी पत्नियाँ मतदाताओं के बीच पहुँचीं तो मतदाताओं पर इनका असर एक जैसा नहीं रहा। चुनावी नतीजे इस बात की तस्दीक करते हैं।

मालिनी ने इंदौर चार से न केवल कांग्रेस उम्मीदवार गोविंद मंघानी को करीब 28 हजार वोट से हराया, बल्कि इस बार के चुनाव में यहाँ की इकलौती महिला विधायक बनने का गौरव भी प्राप्त किया।

उधर निशा को सहानुभूति लहर का फायदा नहीं मिला। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी सिलावट ने 3437 मतों से मात दी।