• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. चुनाव 2009
  4. »
  5. लोकसभा चुनाव
Written By ND
Last Modified: जम्मू , रविवार, 3 मई 2009 (14:51 IST)

बारामूला में चुनावी लड़ाई है रोचक

लोकसभा
सुरेश एस. डुग्ग
कभी अलगाववादियों तथा आतंकियों का गढ़ रहा बारामूला अब रोचक चुनावी लड़ाई के लिए चर्चा में है। पहले अगर दिवंगत अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन की बेटी शबनम लोन के विधानसभा चुनाव में कूदने के कारण रोचक बना था तो अब शबनम लोन के भाई सज्जाद गनी लोन के मैदान में आने के बाद लड़ाई और रोचक हो गई है।

बारामूला लोकसभा क्षेत्र में पहले मुकाबला दो लोगों के बीच ही माना जा रहा था लेकिन अलगाववादी नेता सज्जाद गनी लोन के आने के बाद इसे अब तीन के बीच ही माना जा रहा है।

दिवंगत अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन के दूसरे बेटे लोन के चुनाव मैदान में आने से इस क्षेत्र के चुनाव पर लोगों की नजरें टिक गई हैं। यह क्षेत्र नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के लिए कम से कम कागजों पर तो मजबूत समझा ही जाता है। इसके अलावा पीडीपी भी अपना मजबूत आधार बना रही है।

विश्लेषक कह रहे हैं कि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख लोन ने चुनाव में इतना बड़ा जुआ क्यों खेला है जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के होने से उनकी जीत की संभावना काफी कठिन है।

पिछले साल राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में लोन की बहन शबनम लोन कुपवाड़ा से और उनके एक और करीबी सहयोगी सोफी गुलाम मोहिउद्दीन हंदवा़ड़ा से हार गए थे। इससे संकेत मिला कि लोन को लोकसभा चुनाव में अतिरिक्त समर्थन के लिए जी-जान से जुटना होगा।

हालाँकि यह बात दीगर है कि लोन की मौजूदगी से नेशनल कॉन्फ्रेंस के वोट बैंक में घुसपैठ हो सकती है। पार्टी ने शरीफुद्दीन शरीक को उम्मीदवार बनाया है और उनके मुकाबले पीडीपी के मुहम्मद दिलावर मीर हैं।

राजनीतिक और स्वतंत्र विश्लेषकों का मानना है कि लोन फैक्टर कुपवाड़ा जिले में नेकां के वोट कम कर सकता है, जहाँ पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के पास अच्छा समर्थन है।