कांग्रेस का असम में प्रदर्शन बरकरार
कांग्रेस ने अपने परंपरागत राज्य असम में इस बार भी अपनी छवि को बरकरार रखा है। हालाँकि कांग्रेस को दो सीटे गँवानी पड़ी हैं और इसके मत प्रतिशत में मामूली गिरावट आई है। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों के कांग्रेस के 39.45 फीसदी मतों के मुकाबले इस बार इसे 38.26 फीसदी मत मिले हैं।असम में 1952 से लेकर अब तक हुए सभी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस बड़े दल के रूप में रही है। क्षेत्रीय दल असम गण परिषद के 1985 और 1995 में सत्तारूढ़ होने के बावजूद कांग्रेस असम में सभी दलों के लिए एक सशक्त विरोधी दल रहा है।चुनाव आयोग के आँकड़ों के अनुसार कांग्रेस ने इस बार असम की 14 लोकसभा सीटों में से 13 सीटों पर चुनाव लड़ा और सात पर जीत हासिल की। बाकी सीटों पर 47.48 फीसदी मत के साथ भाजपा एजीपी और नए क्षेत्रीय दल असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने विजय हासिल की।एयूडीएफ के चुनाव मैदान में उतरने और बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों के मतों में सेंध लगाने से कांग्रेस के दिग्गज नेता और केन्द्रीय मंत्री संतोष मोहन देव सिलचर से चुनाव हार गए। एयूडीएफ ने धुबरी में भी कांग्रेस को शिकस्त दी।तेजपुर से सांसद रहे मणिकुमार सुब्बा के विवादित होने और अपने विरोधियों के बीच कथित तौर पर काम न करने के आरोपों के चलते भी कांग्रेस को यहाँ से एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा।