• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. चुनाव 2009
  4. »
  5. लोकसभा चुनाव
  6. महिलाओं में जीतने की क्षमता ज्यादा
Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 17 मई 2009 (19:05 IST)

महिलाओं में जीतने की क्षमता ज्यादा

women are more capable in win compare to men | महिलाओं में जीतने की क्षमता ज्यादा
हो सकता है कि देश के पास इस सवाल का जवाब नहीं हो कि महिला सांसदों की संख्या अब भी कम क्यों है, लेकिन चुनाव नतीजों में एक बात साफ तौर पर सामने आई है कि जीत हासिल करने की संभावना के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है।

इस चुनाव में आठ फीसदी से अधिक महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है, जबकि जीते पुरुष उम्मीदवारों का प्रतिशत करीब 6.5 रहा है।

इसके सीधे तौर पर ये मायने हैं कि चुनावी मैदान में उतरी हर 12 में से एक महिला ने जीत हासिल की, जबकि हर 15 से अधिक पुरुषों में से एक ही चुनाव जीत सका।

बहरहाल, महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब भी कम है, लेकिन अच्छा पक्ष यह है कि सोनिया गाँधी और ममता बनर्जी जैसी नेत्रियाँ अपने-अपने दलों की बड़ी जीत सुनिश्चित कराते हुए मजबूत बनकर उभरी हैं।

जयललिता और मायावती भले ही इस मामले में कुछ पीछे हों, लेकिन चुनाव में उनका प्रदर्शन सराहनीय रहा है, क्योंकि उन्होंने अपने-अपने राज्य में जीते हुए प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दी।

जयललिता की अन्नाद्रमुक का तमिलनाड़ु में द्रमुक-कांग्रेस गठजोड़ से मुकाबला था, जबकि मायावती की बसपा ने कांग्रेस, सपा और भाजपा के साथ चतुष्कोणीय मुकाबले में ठीक प्रदर्शन किया।

इस सबके बावजूद संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम बना हुआ है। निवर्तमान 14वीं लोकसभा में 45 महिला सदस्यों की तुलना में 15वीं लोकसभा के लिए 46 महिला सांसद चुन कर आई हैं। 13वीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 49 थी।

जीत की बेहतर संभाव्यता के बाद भी लोकसभा में 497 पुरुषों के मुकाबले महिला सांसदों की संख्या 46 ही है। इस आम चुनाव में 8070 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें से 7514 पुरुष और 556 महिलाएँ थीं। इस तरह कुल उम्मीदवारों में महिलाओं का प्रतिशत महज 6.9 फीसदी था।

नतीजों के मुताबिक उत्तरप्रदेश में 12 महिलाओं ने जीत दर्ज की है। इनमें सोनिया गाँधी, मेनका गाँधी, अनू टंडन, जयाप्रदा, कमलेश राजकुमारी चौहान, सारिकासिंह, उषा वर्मा, सुशीला सरोह, सीमा उपाध्याय, तबस्सुम बेगम और राजकुमारी रत्नासिंह शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी, दीपा दासमुंशी, मौसम नूर, काकाली घोष दस्तीदार, अम्बिका बनर्जी और सुष्मिता बौरी सांसद बनी हैं।

पंजाब में चार महिलाएँ संतोष चौधरी, परमजीत कौर, गुलशन, हरसिमरत कौर बादल और परनीत कौर तथा राजस्थान में ज्योति मिर्धा, चंद्रेश कुमारी और गिरिजा व्यास चुनाव जीती हैं।