Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 6 मई 2010 (13:19 IST)
फिक्की गोलबंदी के पक्ष में नहीं-मित्तल
उद्योग संगठन फिक्की ने सोमवार को कहा कि भारत में लॉबिंग (गोलबंदी) को कानूनी मान्यता देने की आवश्यकता नहीं है। फिक्की का कहना है कि वह कोई लॉबी ग्रुप नहीं है और नीतिगत मुद्दों पर सरकार के साथ केवल प्रभावक के रूप में बातचीत करता है।
फिक्की के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजन मित्तल ने कहा कि हम कभी लॉबी ग्रुप नहीं रहे। हम केवल नीतियों को प्रभावित करने वाले हैं। लॉबिंग का मतलब है कि जब मैं लॉबिंग करूँ, किसी विशेष मुद्दे के लिए लॉबिंग करने आगे आएँ। यह लॉबिंग होती है, हम प्रभावक हैं।
उन्होंने कहा कि मैं जाकर इनके (शुल्कों में छेड़छाड़) बारे में बात नहीं करूँगा, लेकिन जब ही नीतिगत मुद्दों के मामले में उद्योग जगत प्रभावित होगा, मेरा मानना है कि तब चैंबर का काम है कि वह सरकार से बात करे।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में लॉबिंग को कानूनी मान्यता है। क्या सरकार को कार्पोरेट द्वारा धन का इस्तेमाल करते हुए अनौपचारिक लॉबिंग से निपटने के लिए कानूनी लॉबिंग शुरू करनी चाहिए, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार का काम सुविधा मुहैया कराना है, यही उसको करना चाहिए और अगर वह ऐसा करती है तो किसी लॉबिस्ट की जरूरत नहीं। (भाषा)