इसके साथ ही सरकार ने जेट एअरवेज इंडिया लिमिटेड सहित 14 प्रस्तावों की मंजूरी फिलहाल आगे के लिये टाल दी और चार प्रस्तावों को नामंजूर भी कर दिया जबकि मित्सुई प्राइम एडवांस कंपोजिट्स इंडिया के प्रस्ताव में आटोमेटिक रुट लेने की सलाह दी है।
जिन 26 प्रस्तावों को गुरुवार को मंजूरी दी गई उनमें दिल्ली की मेसर्स केपरीकार्न हॉस्पिटलिटी सर्विसेज प्रा. लि. में 49 प्रतिशत तक इक्विटी में विदेशी निवेश का प्रस्ताव है। इससे कंपनी में 576 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश आने की उम्मीद है।
सरकार ने निजी विमानन कंपनी जेट एअरवेज के योग्य विदेशी संस्थागत निवेशकों के जरिये इक्विटी निवेश प्राप्त करने के प्रस्ताव को फिलहाल आगे के लिये टाल दिया। यूटीवी साफ्टवेयर क्म्युनिकेशन, नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम, सिफी टैक्नालॉजीज, टेलिकॉम इन्वेस्टमेंट सहित 13 और कंपनियों के निवेश प्रस्ताव पर भी फैसला आगे के लिये टाल दिया गया।