इसी प्रकार से दरगाह में बुलंद दरवाजा, शाहजहानी दरवाजा, निजाम दरवाजा, शाहजहानी मस्जिद महफिलखाना आदि इमारतें भी बनवाई गईं। बादशाह शाहजहां की पुत्री जहांआरा ख्वाजा साहब की मुरीद थी। उसने मजार शरीफ के बाहर खूबसूरत दालान बनवाया जो बेगमी दालान कहलाता है। ऐसी दालान में अमृतसर के गुरुद्वारा से प्राप्त झाड़ लगा हुआ है।