Akshaya Navami Significance: आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला एक अत्यंत पवित्र पर्व है। 'अक्षय' का अर्थ है 'जिसका कभी क्षय न हो', और इसी कारण इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य, दान, या पूजा का पुण्य कभी समाप्त नहीं होता और कई जन्मों तक उसका फल प्राप्त होता है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवले के वृक्ष को भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है और यह भगवान शिव को भी प्रिय है। पौराणिक ग्रंथों में इस दिन को द्वापर युग का आरंभ दिवस भी माना गया है, जो इसकी पवित्रता और महत्ता को और बढ़ाता है।
यहां जानें आंवला नवमी के 9 दिलचस्प तथ्य:
1. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन आंवला नवमी का पर्व मनाते हैं।
2. इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। 'अक्षय' का अर्थ होता है जो कभी खत्म न हो।
3. इस दिन किए गए दान-पुण्य, पूजा-पाठ और शुभ कार्यों का फल अक्षय होता है।
4. आंवला नवमी विशेष रूप से आंवले के पेड़ की पूजा, व्रत और परिवार की समृद्धि की कामना के लिए मनाई जाती है।
5. यह माना जाता है कि कार्तिक मास की नवमी से पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ में वास करते हैं।
6. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाना, भगवान को भोग लगाना और प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
7. एक पौराणिक कथा के अनुसार, देवी लक्ष्मी ने आंवले के पेड़ के नीचे भोजन तैयार करके भगवान विष्णु तथा शिव जो खिलाया था तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
8. आंवला नवमी के शुभ अवसर पर मथुरा-वृन्दावन की परिक्रमा का भी विशेष महत्व है। श्रद्धालु अक्षय पुण्य अर्जित करने के लिए परिक्रमा करते हैं।
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