पर्यटकों को आकर्षित करता है श्रीनगर
कश्मीर का सबसे बड़ा शहर श्रीनगर है, जो जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी है और अपनी विशिष्टताओं के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। अनेक जातियां, संस्कृतियों व भाषाओं का संगम बना यह शहर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है। इस शहर की खासियत झरने तथा मुगल शासकों द्वारा बनवाए गए उद्यान हैं, जो चौथी और पांचवीं सदी की खूबसूरती को भी प्रस्तुत करते हैं।‘राजतरंगिनी’ के लेखक कल्हण का कहना है कि ‘श्रीनगरी’ की स्थापना महाराजा अशोक ने तीसरी सदी बीसी में की थी, जबकि वर्तमान के श्रीनगर शहर का निर्माण परावरशना द्वितीय तथा ह्यूतसेंग ने 631 एडी में उस समय किया था, जब उन्होंने इस शहर का दौरा किया था। कश्मीर के हृदय में बसा श्रीनगर कस्बा दरिया झेलम के दोनों किनारों पर फैला हुआ है। नगीन और डल जैसी विश्वप्रसिद्ध झीलें श्रीनगर कस्बे की जान कही जा सकती हैं, जबकि अपने लुभावने मौसम के कारण श्रीनगर पर्यटकों को सारा वर्ष आकर्षित करता रहता है।आज कश्मीर का सबसे खूबसूरत शहर श्रीनगर विश्वभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, जो 103.93 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ और समुद्र तल से 1730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। श्रीनगर में देखने लायक स्थान... पढ़ें अगले पेज पर...
श्रीनगर शहर में देखने लायक स्थान: जामिया मस्जिद : इसका निर्माण तो सुलतान सिकंदर ने 1400 एडी में करवाया था और बाद में उनके बेटे जेन-उल-अबीदीन ने इसके क्षेत्रफल को और बढ़ाया था। तीन बार आग इसको क्षति पहुंचा चुकी है और हर बार इसका निर्माण किया जा चुका है। वर्तमान में जो मस्जिद अपने पांवों पर खड़ी है उसका निर्माण डोगरा शासक महाराजा प्रतापसिंह ने करवाया था, जो पांच किमी की दूरी पर है। शाह हमदान मस्जिद : दरिया झेलम के किनारे शहर से 5 किमी दूर स्थित यह मस्जिद शहर की सबसे पुरानी मस्जिद है। इसकी दीवारों पर पेपरमाशी की कारीगरी प्रस्तुत की गई है। इस तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग या फिर शिकारे से झेलम से होते हुए जाया जा सकता है।हरि पर्वत किला : श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व में शरीका पर्वत पर, जो हिन्दुओं के लिए पवित्र माना जाता है, स्थित इस किले का निर्माण अत्ता मुहम्मद खान ने 18वीं सदी में करवाया था। अत्ता मुहम्मद खान एक अफगान शासक था। इस किले की चारदीवारी का निर्माण हिन्दुस्तान के महाराजा अकबर ने 1592-98 एडी में करवाया था। इस किले के चारों ओर बादाम के बाग हैं। बसंत ऋतु में जब पेड़ों पर अंकुर फुटने लगते हैं तो ये बाग अपनी छटा से सभी का मन मोह लेते हैं। इस किले में जाने के लिए राज्य पुरातत्व विभाग की अनुमति लेनी आवश्यक है जिसका कार्यालय लालमंडी चौक में स्थित है।परी महल : शहर से 11 किमी की दूरी पर स्थित यह महल कभी बौद्ध मठ था। मुगल बादशाह शाहजहां के बेटे दाराशिकोह ने इसे ज्योतिष के एक स्कूल के रूप में बदल दिया था।डल झील : शहर के बीच में ही स्थित विश्वप्रसिद्ध डल झील शहर के पूर्व में स्थित है और श्रीधरा पर्वत के चरणों में है। वर्तमान में डल झील का क्षेत्रफल 12 वर्ग किमी रह गया है जबकि कभी यह 28 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में होती थी। इसके बीच में अनेक द्वीप भी स्थित हैं, जो अपने आप में खूबसूरती के केंद्र हैं।इसके अतिरिक्त शहर में कई उद्यान भी हैं, जो मुगल उद्यानों के रूप में जाने जाते हैं और वे सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुले रहते हैं। और भी हैं आकर्षक स्थल... पढ़ें अगले पेज पर....