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Written By वार्ता

गुजरात में 60 फीसदी मतदान

गुजरात में 60 फीसदी मतदान -
गुजरात विधानसभा चुनावों के पहले चरण में सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात की 87 विधानसभा सीटों के लिए मंगलवार को 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस दौरान राजकोट में भाजपा के एक कार्यकर्ता को चाकू मारने की घटना को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा।

चुनाव आयोग के प्रवक्ता के अनुसार पहले चरण के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच 60 प्रतिशत मतदान हुआ है, जिनमें से 58 सीटें सौराष्ट्र व कच्छ और 29 सीटें दक्षिण गुजरात में हैं। राजकोट मतदान केंद्रों के नजदीक कुछ अराजक तत्वों ने भाजपा के एक कार्यकर्ता ओजस मेहता को चाकू मारकर घायल कर दिया। हालाँकि इस केंद्र पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चलता रहा।

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आठ लाख 56 हजार महिला मतदाताओं समेत सत्रह लाख 90 हजार मतदाताओं ने 669 प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य पर मोहर लगाकर उसे मतदान पेटियों में बंद कर दिया। इस चरण में कुल 19 हजार 924 मतदान केंद्र बनाए गए थे जिनमें से चार हजार 834 केंद्रों को संवेदनशील तथा एक हजार 306 केंद्रों को अति संवेदनशील घोषित किया गया था।

सभी मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से मतदान हुआ। मतदान मशीन गड़बड़ी के कारण तीन केंद्रों पर मतदान प्रभावित हुआ और उनकी जगह नई मशीनें लगाई गईं।

राजकोट में भी तीन मतदान केंद्रों पर मतदान मशीनों में गड़बड़ियों की शिकायत मिली, जिनमें से पोरबंदर और जेतपुर मतदान केंद्र की वोटिंग मशीन खराब पाई गई। मतदान केंद्रों पर 52 हजार से ज्यादा केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों और करीब एक लाख 20 हजार सरकारी कर्मचारियों की तैनाती में चुनाव शांतिपूर्ण समाप्त हो गया। इस दौरान केंद्र से 3397 कर्मचारी पर्यवेक्षण कार्य पर थे।

भाजपा नेता की शिकायत : सूरत के जिलाधिकारी ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के लिए भाजपा नेता कनकसिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस नेता का वाहन चोरसी विधानसभा सीट में एक मतदान केंद्र के समीप पाया गया था। इस मामले में पार्टी के कुछ समर्थकों को भी नामजद किया गया है। चोरसी सूरत का सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है, जहाँ दस लाख 59 हजार मतदाता हैं।

ब्रेल लिपि के सहारे मतदान : गुजरात के सौराष्ट्र में 25 सौ से अधिक दृष्टिहीन मतदाताओं ने भी वोटिंग मशीन पर ब्रेल लिपि में अंकित अक्षरों के सहारे अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह जानकारी दृष्टिहीनों के राष्ट्रीय संगठन के अध्यक्ष लभुभाई सोनई ने दी। पहले दृष्टिहीन मतदाता सिर्फ मतदान अधिकारी के सहारे मतदान करते थे।

चुनाव अधिकारियों के सूत्रों के अनुसार ईवीएम मशीन में दर्ज मतदान का इस्तेमाल सुबूत के रूप में किया जा सकता है और इस डाटा को पाँच साल तक सुरक्षित रखा जाता है। दुनिया में सबसे अधिक दृष्टिहीन भारत में हैं। एक आँकड़े के अनुसार विश्व में विकलांगों की संख्या तीन करोड़ 70 लाख से अधिक है, जिनमें से एक करोड़ 50 लाख से ज्यादा दृष्टिहीन भारत में हैं।

दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाँव पर : पहले चरण में जिन प्रमुख नेताओं के भाग्य का फैसला मतदान पेटियों में बंद हो गया है, उनमें राज्य के मंत्री वजूभाई वाला, जल संसाधन मंत्री नरोत्तम पटेल, शहरी विकास मंत्री आईके जड़ेजा, विधानसभा में विपक्ष के नेता अर्जुन मोढवाड़िया तथा वित्त राज्यमंत्री सौरव दलाल शामिल हैं। राज्य विधानसभा की शेष सीटों पर 16 दिसंबर को वोट डाले जाएँगे।