गुरुवार, 5 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. आईना 2015
  4. NGT
Written By

2015 : डीजल कार, गंगा पर एनजीटी के आदेशों ने खींचा दुनिया का ध्यान

2015 : डीजल कार, गंगा पर एनजीटी के आदेशों ने खींचा दुनिया का ध्यान - NGT
नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण दिल्ली में डीजल वाहनों पर रोक और स्वच्छ गंगा के लिए कई दिशानिर्देश जारी करके सामाजिक कार्यकर्ता के अंदाज में दिखाई दिया और उसने प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के लिए वर्ष 2015 में अपने प्रयासों से दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

बड़े उद्योगों की परियोजनाओं को हरी झंडी देने में सामने आने वाली चुनौतियों से लेकर रोहतांग दर्रा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की तरह पर्यावरण के संदर्भ में संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा जैसे पर्यावरणीय मामलों को देखने वाले न्यायाधिकरण ने 10 दिसंबर को केवल एक दिन में 209 मामलों का निपटारा करते हुए 56 निर्णय सुनाने की उपलब्धि हासिल की।

एनजीटी को अस्तित्व में आए मात्र पांच वर्ष हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में इसकी सक्रिय भूमिका ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है और उसने प्रदूषण संबंधी मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए इसकी प्रशंसा की है।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने बताया कि हरित पैनल ने 2014 में 82 प्रतिशत लंबित मामलों का निपटारा कर दिया। एनजीटी के राष्ट्रीय राजधानी में डीजल चालित नए वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध जैसे निर्णयों ने विवाद और भ्रम पैदा किए हैं और ये फैसले चर्चा का विषय बने रहे हैं।

डीजल चालित वाहनों संबंधी एनजीटी के इस फैसले पर उच्चतम न्यायालय ने भी मुहर लगा दी, ताकि राजधानी में प्रदूषण का स्तर नीचे लाया जा सके। अधिकरण गंगा के मामले पर एक पैनल बनाकर और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें बंद करने का आदेश देकर उच्चतम न्यायालय की उम्मीदों पर खरा उतरा।

हरित पैनल ने गोमुख से बंगाल की खाड़ी तक स्वच्छ गंगा की अपनी योजना का अनावरण किया। उसने गोमुख से हरिद्वार तक प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया और घोषणा की कि कोई होटल, धर्मशाला या आश्रम नदी में अपशिष्ट बहाता है तो उसे पर्यावरणीय मुआवजे के तौर पर प्रतिदिन 5000 रुपए देने होंगे।

एनजीटी ने नियामक व्यवस्था के आने तक उत्तराखंड में गंगा किनारे कौडियाला से ॠषिकेश तक पूरी पट्टी में कैम्पिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी लेकिन राफ्टिंग की मंजूरी दे दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ गंगा परियोजना को उस समय बढ़ावा मिला, जब एनजीटी ने कानपुर में नदी किनारे स्थित चमड़े के कारखानों से प्रदूषण संबंधी अनिवार्य मानकों का पालन करके की हिदायत दी और ऐसा नहीं करने पर उन्हें बंद कर दिए जाने की चेतावनी दी।

सतत विकास के संकल्प को ध्यान में रखते हुए हरित पैनल ने संकेत दिया कि उसके आदेश आर्थिक विकास के रास्ते में नहीं आएंगे और इसी प्रकार के एक आदेश में उसने प्रधानमंत्री के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में कोका कोला के संयंत्र को बंद करने के उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर रोक लगा दी। (भाषा)