सोमवार, 28 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. »
  3. क्रिकेट
  4. »
  5. विश्वकप 2011
Written By ND
Last Modified: गुरुवार, 31 मार्च 2011 (11:06 IST)

मुरली जैसा गेंदबाज दोबारा मिलना मुश्किल

मुरली जैसा गेंदबाज दोबारा मिलना मुश्किल -
विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक मुथैया मुरलीधरन जैसे गेंदबाज के लिए यह सम्मान की बात है कि वे अपने अंतरराष्ट्रीय कॅरिअर का समापन मुंबई में होने वाले विश्वकप फाइनल के दौरान करने जा रहे हैं।

अनोखे गेंदबाजी एक्शन और श्रीलंकाई क्रिकेट में अपने योगदान के कारण मुरली के दुनिया में लाखों प्रशंसक हैं। मुझे नहीं लगता कि अब हम उनके जैसा विकेट लेने वाला और मैच विजेता गेंदबाज दोबारा देख सकेंगे।

यह देखकर अच्छा लगा कि अपने घरेलू मैदान में अंतिम मैच खेलते हुए उन्होंने आखिरी गेंद पर विकेट लिया। उनके साथी खिलाड़ियों के साथ ही श्रीलंकाई दर्शकों ने भी इस लम्हे का आनंद लिया।

अगले कुछ दिनों में मुरली का कॅरिअर समाप्त हो जाएगा। वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में करीब 1300 विकेट ले चुके हैं और इस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ना लगभग असंभव-सा है। यह सही है कि उनका कॅरिअर विवादित रहा, लेकिन इसके बावजूद उनके योगदान को कम करके नहीं आँका जा सकता। वे एक खास व्यक्ति और बेहतरीन क्रिकेटर हैं।

मुरली ने सेमीफाइनल में भी न्यूजीलैंड के खिलाफ जोरदार गेंदबाजी की। मुरली के पैर में चोट है, मगर मुझे पूरा यकीन है कि यह चोट भी उन्हें खिताबी मुकाबले में उतरने से नहीं रोक सकेगी। श्रीलंकाई टीम ने न्यूजीलैंड की चुनौती को ध्वस्त करते हुए उन्हें एक बार फिर फाइनल में पहुँचने से रोक दिया।

पूरे विश्व कप में कीवी टीम ने जबरदस्त संघर्ष दिखाया और यह प्रशंसा की बात है। इसके बावजूद निपुणता में कमी और महत्वपूर्ण मौकों पर बिखरने के कारण वे होड़ से बाहर हो गए। मैच जीतने के लिए बड़ा स्कोर जरूरी होता है। इसके लिए शॉट्स का चयन सही होना महत्वपूर्ण है। यहीं आपकी क्षमता की परीक्षा होती है। सेमीफाइनल में श्रीलंकाई आक्रमण के सामने न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी की कमजोरियाँ उजागर हुईं।

-हॉक आई