Last Modified: कोलंबो ,
गुरुवार, 24 मार्च 2011 (15:39 IST)
माइकल यार्डी ने विश्वकप छोड़ा
इंग्लैंड के हरफनमौला माइकल यार्डी श्रीलंका के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच से कुछ दिन पहले आज अवसाद के कारण विश्वकप से बाहर हो गए।
ससेक्स के इस 30 वर्षीय खब्बू बल्लेबाज ने टूर्नामेंट में तीन मैच खेले हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
उन्होंने कहा इस समय पर विश्व कप छोड़ना कठिन फैसला था लेकिन मुझे लगा कि मेरे लिए समझदारी इसी में है। मैं इस फैसले के कारण को लेकर भी ईमानदार रहना चाहता था। यार्डी ने कहा मैं टीम को शनिवार के मैच के लिए शुभकामना देता हूँ।
उन्होंने कहा मैं चाहूँगा कि आने वाले कुछ सप्ताह मुझे अकेला छोड़ दिया जाए। मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहता हूँ, जिसके बाद ससेक्स के लिए खेलूँगा। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की तकनीकी समिति से यार्डी के विकल्प को मंजूरी देने का आग्रह किया है।
ईसीबी के प्रबंध निदेशक ह्यूज मौरिस ने कहा कि मैं इंग्लैंड टीम और ईसीबी की ओर से माइकल के साथ हूँ। उन्होंने कहा माइकल पिछले कुछ साल में इंग्लैंड टीम का अभिन्न हिस्सा रहा है। हमें नाकआउट चरण में उनकी कमी खलेगी। हमारी प्राथमिकता यह है कि वह अपने परिवार के पास लौटे और उनके साथ समय बिता सके।
यार्डी ने विश्वकप में सिर्फ दो विकेट लिए और 19 रन ही बना सके। 2006 में वनडे क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद से वह 28 मैच खेल चुके हैं। इससे पहले इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज मार्कस ट्रेस्कोथिक को भी रहस्यमय बीमारी के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा था। (भाषा)