तालिबानी फरमान के कारण एशिया कप नहीं खेलेगी अफगानिस्तान की महिला टीम
अफगानिस्तान की पुरुष टीम ने भले ही एशिया कप के राउंड रॉबिन राउंड में चैंपियन श्रीलंका और फिर 2 बार ही फाइनलिस्ट को हराकर अपनी धाक जमाई लेकिन अफगानिस्तान की महिला टीम को आने वाले एशिया कप में ऐसा कोई मौका नहीं मिलने वाला है।
महिला एशिया कप चार साल के अंतराल के बाद वापसी कर रहा है। सात टीमों का टूर्नामेंट राउंड-रॉबिन प्रारूप में खेला जाएगा। प्रत्येक टीम लीग चरण में छह मैच खेलेगी, जिसके बाद शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में जगह पक्की करेंगी।
इस कप में संयुक्त अरब अमीरात पदार्पण कर रहा है लेकिन पिछले साल तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जे के बाद महिला टीम को एशिया कप का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं मिली है।
संयुक्त अरब अमीरात के अलावा मलेशिया, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और थाइलैंड इस कप की कुल 7 टीमें होंगी।
सभी मैच सिलहट में होंगे, जहां भारत ने आखिरी बार 2014 में टी20 विश्व कप के दौरान खेला था। बंगलादेश महिला एशिया कप का मौजूदा चैंपियन है, जिसने 2018 में कुआलालंपुर में आखिरी गेंद पर भारत को हराया था।
क्रिकेट के खेल में दिखता है शरीर इसलिए लगाई पाबंदीतालिबान के अनुसार, यह मीडिया का युग है जिसमें फोटो और वीडियो देखे जायेंगे। इस्लाम और इस्लामी अमीरात महिलाओं को क्रिकेट या ऐसे खेल खेलने की अनुमति नहीं देता जिसमें शरीर दिखता हो। तालिबान ने पुरूष क्रिकेट जारी रखेगा।
तालिबान के एक प्रवक्ता के हवाले से पिछले साल कहा था कि उन्होंने महिला खेलों खासकर महिला क्रिकेट पर रोक लगा दी है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्लाह वासिक के हवाले से नेटवर्क ने कहा था कि क्रिकेट में ऐसे हालात होते हैं कि मुंह और शरीर ढका नहीं जा सकता। इस्लाम महिलाओं को ऐसे दिखने की इजाजत नहीं देता।
इसके अलावा फुटबॉल, त्वाइकोंडो, बॉक्सिंग कुछ ऐसे खेल थे जिस पर महिलाओं की भागीदारी पर पाबंदी लगा दी थी। यही कारण है कि इस खेल से जुड़ी कई महिला खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में शरण ले ली थी।