0
महिलाओं के लिए खुला है आसमान : ट्रेसी कुर्टिस टेलर
गुरुवार,नवंबर 26, 2015
0
1
ND|
रविवार,मार्च 23, 2008
कहीं घूँघट में छिपकर दबे-सहमे कदमों को पुरुष के साथ मिलाते हुए, तो कहीं रूढ़ियों से लड़ते हुए भारतीय नारी ने सदियों के संघर्षों की आग में तपाकर अपने आपको सोना बनाया है। आज गाँव से लेकर महानगर तक उसकी सफलता की रोशनी से जगमगा रहे हैं।
1
2
ND|
शुक्रवार,मार्च 14, 2008
ये वे महिलाएँ हैं, जो सफलता के शिखर पर हैं और अपने-अपने क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियाँ हैं। आखिर क्या है, जो उन्हें सफल और समर्थ बनाता है? आइए, खोजते हैं यह तथ्य उनके ही कहे वाक्यों में-
2
3
ND|
शुक्रवार,फ़रवरी 22, 2008
हाल ही में शोभा ने अपने साठवें जन्मदिन के उपलक्ष्य में एक चमकीली पत्रिका के लिए मॉडलिंग सहित साक्षात्कार दिया है। डब्बू रत्नानी द्वारा लिए गए चित्रों में शोभा उत्साह से लबरेज चमकती हुई नजर आ रही हैं। ठीक से कहा जाए तो जी भरकर जीने की आकांक्षी
3
4
ND|
रविवार,जनवरी 13, 2008
'मैंने पहली इस्लामी महिला प्रधानमंत्री चुने जाकर रूढ़ियों के कई बुर्ज ढहाए। इस दौरान औरत की राजनीति में भूमिका के बारे में भी काफी बहसें हुईं। मुझे लगा था इस सबके साथ मैं व्यक्तिगत जीवन कैसे चलाऊँगी?
4
5
ND|
शनिवार,जनवरी 12, 2008
आदिवासी फुन्दीबाई प्रतिबद्ध महिला सरपंच हैं, जो उच्च जाति के दबदबे वाले क्षेत्र में साहस के साथ न केवल कार्य कर रही हैं, वरन अपने क्षेत्र में स्कूल वाली बाई के नाम से भी विख्यात हो गई हैं
5
6
ND|
शनिवार,जनवरी 12, 2008
सत्रह साल की एक लड़की टुनी मुदुली ने बेल्जियम में भारत का प्रतिनिधित्व किया और वह 'मुझे वहाँ से निकालो' (गेट मी आउट ऑफ देयर) अभियान में करोड़ों वंचित बच्चों की ओर से बोली। दरअसल वह अपनी निष्ठा और दृढ़ संकल्प की वजह
6
7
WD|
शनिवार,जनवरी 12, 2008
रजा अलसानिया अरब समाज की महिलाओं की सदियों से दबी आवाज के बुलंद होने का प्रतीक बन गई हैं। रूढ़िवादी समाजों की वर्जनाओं का सर्वाधिक खामियाजा महिलाएँ ही भुगतती आई हैं। उनके अस्तित्व को 'मान-मर्यादा' की चहारदीवारी में कैद कर जुबान पर सात ताले लगाने
7
8
WD|
शनिवार,नवंबर 24, 2007
सौंदर्य की दुनिया में ही अपनी जड़े जमा चुकीं, भारती तनेजा सौंदर्य की दुनिया में छाई हुई हैं। भारती तनेजा एक मशहूर सौंदर्य विशेषज्ञ होने के साथ सफल बिजनेस वुमन हैं
8
9
हाथों पर रची खूबसूरत मेहंदी नारी के व्यक्तित्व में अलग ही निखार लाती है। नितांत घरेलू तरह का यह शौक अब तक सिर्फ घरों तक ही सीमित था। क्या कोई सोच सकता था कि परंपरा और रिवाज के लिए लगाई जाने वाली मेहंदी
9
10
WD|
रविवार,अक्टूबर 28, 2007
चालीस वर्षीय छोटीबाई होशंगाबाद जिले के एक छोटे-से गाँव पलासी की रहने वाली हैं। वे एक स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष हैं। छोटीबाई निरक्षर हैं, लेकिन वे जागरूक महिला हैं
10
11
ND|
गुरुवार,अक्टूबर 18, 2007
चुनाव प्रचार के दौरान लोगों का दिल जीतने के लिए इन दिनों हिलेरी क्लिंटन इमेज कंसल्टेंट्स की सलाह भी ले रही हैं। जैसा कि उन्हें सुझाया गया है, अपनी खुशनुमा छवि स्थापित करने के लिए वे खुलकर हँसती हैं
11
12
WD|
शुक्रवार,अक्टूबर 12, 2007
वे अपने आपको थिएटर जर्नलिस्ट कहती हैं। उन्होंने जनजागृति फैलाने के लिए किसी जत्थे से जुड़ने की बजाए अकेले ही कदम बढ़ाने का फैसला किया
12
13
ND|
रविवार,अक्टूबर 7, 2007
मुर्तजा अपनी नन्हीं बेटी फातिमा को लेकर 16 साल सीरिया में रहे। जब बहन बेनजीर भुट्टो प्रधानमंत्री बनीं तो वे अपने वतन लौट आए, लेकिन वतन (पाकिस्तान) लौटने के बाद भी उनका ज्यादातर वक्त जेलों में गुजरा
13
14
ND|
रविवार,सितम्बर 30, 2007
अधेड़ उम्र की यह साधारण महिला फूल बेचकर अपने परिवार की आय में हाथ बँटाती थी। खेल में उसकी किसी प्रकार की कोई पृष्ठभूमि नहीं थी। हाल ही में मलेशिया में संपन्न इक्कीसवीं ओपन मास्टर्स स्पर्धा में पदक
14
15
WD|
रविवार,सितम्बर 23, 2007
गाँव के लोग कोसों दूर से पानी ढोकर अपने परिवार का गला तर करते। पूर्वजों का तो आधा जीवन ही पानी ढोते और रहा-सहा गरीबी से जूझते हुए निकल गया। पर गाँव की एक महिला ने पूरे गाँव का दु:ख दूर कर दिया
15
16
ND|
रविवार,सितम्बर 9, 2007
दो साल पहले जब वे जबलपुर में एक नेशनल टूर्नामेंट खेल रही थीं, तब निर्देशक शमीत अमीन ने उन्हें फिल्म 'चक दे इंडिया' के लिए चुन लिया
16
17
अगर इंसान चाहे तो उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है। अब राँची में रहने वाली 15 वर्षीय ममता कुमारी को ही ले लीजिए। इस बालिका का परिवार आर्थिक रूप से अधिक सबल नहीं है। पर ममता की पढ़ाई की चाहत
17
18
हैदराबाद की उद्यमी दीपाली मेहता की कामवाली बाई के पति का अकस्मात निधन हो गया तो उसके ऊपर अपने दो बच्चों का पालन-पोषण अकेले करने का भार आन पड़ा। उसने अपनी समस्या दीपाली के समक्ष रखते हुए पगार बढ़ाने की माँग की।
18
19
हँसता चेहरा आत्मविश्वास से भरपूर बोलती आँखें..बरखा दत्त किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। हाल ही में इस वीरांगना को कॉमनवेल्थ ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन और थामसन फाउंडेशन द्वारा स्थापित जर्नलिस्ट ऑफ ईयर पुरस्कार से नवाजा गया है।
19