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Written By WD Feature Desk

भारत का एक ऐसा बाजार जहां सिर्फ महिलाएं चलाती हैं दुकानें

यहां है दुनिया का सबसे बड़ा महिला द्वारा चलाए जाने वाला बाजार

Ima Keithel
Ima Keithel
  • मणिपुर की राजधानी, इंफाल में यह मौजूद है।
  • इस बाजार में 5000 से ज्यादा दुकानें हैं।
  • इमा कैथल का मतलब 'मां का बाजार' है।
Women Day 2024 : पर्यटकों के लिए शॉपिंग करना एक मजेदार काम है, और भारत में ऐसा एक बाजार है जो केवल देश का ही नहीं, बल्कि एशिया का भी अनोखा है। यहां पर साल भर लोगों की भीड़ लगी रहती है और यात्री शॉपिंग का आनंद लेते हैं। इस बाजार में क्या विशेषता है, यह जानने के लिए आइए हम देखें कि पूर्वोत्तर भारत में इस बाजार को इतना प्रसिद्ध क्यों माना जाता है। ALSO READ: ये हैं गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट
 
मणिपुर का इमा कैथल बाजार:
इंफाल, मणिपुर की राजधानी का एक बेहद खूबसूरत नगर है। यहां पर बहुत से दिलकश दृश्य हैं, जिन्हें देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। इनमें से एक है इंफाल का इमा कैथल (Ima Keithel) बाजार, जिसकी विशेषता महिलाएं है। यह बाजार ख्वैरमबंद बाजार के नाम से भी मशहूर है।
 
दुनिया का सबसे बड़ा और अनोखा बाजार:
इमा कैथल बाजार को दुनिया का सबसे बड़ा महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाला बाजार माना जाता है। इस बाजार का इतिहास बहुत प्राचीन है। इस अनोखे बाजार की विशेषता है कि यहां पर महिलाएं सब्जियां, मसाले, फल, स्थानीय खाने-पीने की दुकानें और मछली आदि भी बेचती हैं। इस बाजार में 5000 से ज्यादा दुकानें हैं। यह बाजार महिला सशक्तिकरण का परफेक्ट उद्धरण है और यह लगभग पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा बाजार है जो सिर्फ महिलाओं द्वारा चलाया जाता है।
Ima Keithel
500 साल पुराना इतिहास:
इमा कैथल एक मणिपुरी शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'मां का बाजार।' अर्थात, इमा का मतलब होता है मां और कैथल का मतलब होता है बाजार। यह बाजार लगभग 500 साल पुराना है, जिसकी शुरुआत 16वीं सदी में हुई थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले मणिपुर में बंधुआ मजदूरी की प्रथा थी। जिसमें पुरुषों को खेती करने और युद्ध करने के लिए शहर से दूर भेज दिया जाता था। इस कारण से महिलाएं बाजार का काम संभालने लगीं।
 
इस प्रकार के वातावरण में, एक ऐसे बाजार की आवश्यकता महसूस हुई जिसका प्रबंधन केवल महिलाओं ने किया। तब कुछ साहसी महिलाएं मणिपुर में इमा कैथल नाम से इस बाजार की स्थापना की। स्वतंत्रता के इतने सालों के बाद भी, यह बाजार लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। इसलिए, अगर आप मणिपुर यात्रा के लिए जा रहे हैं, तो इस बाजार का दौरा करें और बिना इसे देखें ही वापस न आएं।