क्या श्रीलंका के मुस्लिम खुद मस्जिद तोड़कर हिन्दू धर्म अपना रहे हैं...जानिए सच...
श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर बीते 21 अप्रैल को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में लगभग 250 लोगों की मौत हो गई थी। इन हमलों का जिम्मेदार एक मुस्लिम कट्टरपंथी समूह को बताया गया। इसके बाद स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हमले होने लगे। सोशल मीडिया पर अब दावा किया जा रहा है कि ईस्टर हमलों के बाद श्रीलंका के मुस्लिमों का इस्लाम से भरोसा उठ गया है और अब वे अपने हाथों से मस्जिद तोड़कर हिन्दू धर्म अपना रहे हैं।
फेसबुक के ‘Vinay Kumar’ नामक एक यूजर ने दो तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा- ‘
श्री लंका में मुसलमान अपने ही हाथों से तोड़ रहे हैं मस्जिद और अपना रहे हैं हिन्दू धर्म. मुस्लिम बोलते हैं कि हमें अब इस्लाम धर्म की घिनौनी और नफ़रत से भरी असलियत समझ आ गयी।’ इन तस्वीरों में कुछ मुस्लिम मस्जिद को हथौड़ों से तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
सच क्या है?वायरल तस्वीरों का सच जानने के लिए हमने इनको रिवर्स इमेज सर्च किया, तो हमें परिणाम में कई साइट्स की खबरें मिली। उन सभी में यही कहा गया है कि आतंकवाद का विरोध करने के लिए श्रीलंका के मुस्लिमों ने श्रीलंका के ईस्टर बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले चरमपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात (NTJ) के सदस्यों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले एक मस्जिद को तोड़ दिया।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि वायरल तस्वीरों को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। श्रीलंका के मुस्लिम अपना धर्म नहीं बदल रहे हैं। असल में, मुस्लिमों ने खुद को चरमपंथी संगठनों से अलग दिखाने के लिए मस्जिद तोड़ी थी।