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Last Updated : बुधवार, 29 अप्रैल 2020 (19:18 IST)

क्या वाकई लॉकडाउन के चलते बंद हो गया ओजोन लेयर का छेद... जानिए सच...

क्या वाकई लॉकडाउन के चलते बंद हो गया ओजोन लेयर का छेद... जानिए सच... - social media claims earth ozone layer is healing due to lockdown, fact check
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए शुरू हुए लॉकडाउन से पर्यावरण में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। नासा के मुताबिक, इन दिनों उत्तर भारत में वायु प्रदूषण 20 साल में सबसे निचले स्तर पर है। जालंधर से बर्फीली चोटियां और कांगड़ा से हिमालय दिखाने का दावा करने वाली तस्वीरें भी सामने आ चुकी हैं। अब सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है कि लॉकडाउन के चलते धरती की हालत में तेजी से सुधर रहा है और आर्कटिक क्षेत्र के ऊपर ओजोन परत का सबसे बड़ा छेद बंद हो गया है।

क्या है वायरल-



क्या है सच-

सोशल मीडिया का दावा गलत है। ओजोन परत के छेद के बंद होने का लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।

23 अप्रैल को कोपर्निकस एटमॉस्फियर मॉनिटरिंग सर्विस (CAMS) और कोपर्निकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) ने ट्वीट कर बताया कि आर्कटिक के ऊपर स्थित ओजोन परत में सबसे बड़ा छेद बंद हो गया है।



एजेंसी ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि आर्कटिक ओजोन छेद का लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है बल्कि ऐसा पोलर वोर्टेक्स (Polar Vortex) के कारण हुआ।



बता दें, पोलर वोर्टेक्स एक हाई-एल्टीट्यूड करेंट है जो सामान्यतौर पर ठंडी हवाओं को पोलर क्षेत्रों में लेकर आता है।

CAMS ने बताया कि इस साल पोलर वोर्टेक्स बहत शक्तिशाली था और इसके अंदर का तापमान बहुत ठंडा है। इससे समताप मंडल के बादल बने, जिन्होंने ओजोन परत को नुकसान पहुंचाया। हालांकि हाल के दिनों में पोलर वोर्टेक्स अब कमजोर पड़ चुका है। नॉर्थ पोल में ओजोन परत में पहली बार छेद को 2011 में देखा गया था, लेकिन तब यह बहुत छोटा था।
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