रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. वास्तु-फेंगशुई
  4. बैठक रूम में कौन-से चित्र लगाएं और कौन-से नहीं, जानिए
Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : मंगलवार, 29 सितम्बर 2020 (15:51 IST)

बैठक रूम में कौन-से चित्र लगाएं और कौन-से नहीं, जानिए

Drawing Living Room Photo Vastu | बैठक रूम में कौन-से चित्र लगाएं और कौन-से नहीं, जानिए
बैठक रूम को स्वागत कक्ष, ड्राइंग रूम या लिविंग रूम कहते हैं जबकि जहां मेहमान को ठहराया जाता है, उसे अतिथि कक्ष या गेस्ट रूम कहते हैं। हमारे बैठक रूम से ही हमारी पहचान बनती है। बैठक रूम हमारी हैसियत, व्यक्तित्व और विचारों को दर्शाता है। इसके अलावा बैठक रूप से भी भविष्य की दशा और दिशा भी तय होती है। अत: जानिए कि बैठक रूप में कौनसे चित्र होना चाहिए और कौनसे नहीं।
 
 
बैठक रूम में ऐसे चित्र ना लगाएं
1. बैठक रूम में कभी भी नकारात्मक चित्र न लगाएं, जैसे ताजमहल, महाभारत का युद्ध  या किसी कांटेदार पौधे का चित्र।
2. जंगली जानवर, रोते हुए बच्चे, नंगे बच्चे, सुंदर अर्धनग्न महिला, युद्ध के दृश्य, विशालकाय पेड़ आदि के चित्र भी न लगाएं।
3. नेता, अभिनेता, अभिनेत्रियों, अपने गुरुओं या अपने पूर्वजों के चित्र भी ना लगाएं।
 
बैठक रूम में लगाएं ऐसे चित्र
1. गृह कलह या वैचारिक मतभेद से बचने के लिए हंसते-मुस्कुराते संयुक्त परिवार का चित्र लगाएं। यदि आप दूसरों के चित्र न लगाना चाहते हैं तो खुद के ही परिवार के सदस्यों का प्रसन्नचित मुद्रा में दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में एक तस्वीर लगाएं। आप शिव परिवार या राम दरबार का चित्र भी लगा सकते हैं।
 
2. खुशहाल और शांतिमय जीवन के लिए घोसले में अपने बच्चों के साथ चहकती चिढ़िया का चित्र लगाएं।
 
3.बैठक रूम में हंस की बड़ी-सी तस्वीर लगाएं जिससे कि अपार धन-समृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
 
4. समुद्र किनारे दौड़ते हुए 7 घोड़ों की तस्वीर लगाने के लिए पूर्व दिशा को शुभ माना गया है। यह तस्वीर किसी वस्तुशास्त्री से पूछकर ही लगाएं। घोड़ों की तस्वीर न लगाना चाहें तो आप तैरती हुए मछलियों के चित्र भी लगा सकते हैं।
 
5. बैठक रूम में घर के मुखिया की सीट के पीछे पहाड़ या उड़ते हुए पक्षी का चित्र लगाना चाहिए। ऐसी तस्वीरों से अत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।
 
6.पूर्वी दीवार को उगते हुए सूरज, फलों और फूलों की कुछ चित्रों द्वारा सजाया जा सकता है। यदि देवताओं के चित्र रखा ही चाहते हैं तो पूर्वोत्तर दिशा सर्वोत्तम है।
ये भी पढ़ें
4 अक्टूबर से मंगल होंगे मीन राशि में वक्री, जानिए किसे मिलेगी खुशी, किसे होगा क्लेश