मंगलवार, 12 नवंबर 2024
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वास्तु के अनुसार कैसे होना चाहिए हमारे घर का दरवाजा, जानें 10 टिप्स

वास्तु के अनुसार दरवाजा कैसा होना चाहिए

main door decoration
Vastu tips for door: कई बार हम मकान खरीदते वक्त या बनवाते वक्त यह ध्यान नहीं देते हैं कि किस प्रकार के दरवाजे लगाए जा रहे हैं। घर का मुख्‍य द्वार ही सुख और समृद्धि तय करता है। इसका उत्तर, ईशान, पूर्व या वायव्य दिशा में होना जरूरी है नहीं तो वास्तु दोष निर्मित होता है। दरजावा किसी भी प्रकार सा टूटा फूटा या तिरछा नहीं होना चाहिए। द्वार के खुलने बंद होने में आने वाली चरमराती ध्वनि स्वरवेध कहलाती हैं जिसके कारण आकस्मिक अप्रिय घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है। आओ जानते हैं कि मकान का मुख्य द्वार किस प्रकार का होना चाहिए।
ऐसे दरवाजे नहीं होना चाहिए:-
1. एक सीध में तीन दरवाजे नहीं होना चाहिए।
2. दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए।
3. एक पल्ले वाला दरवाजा नहीं होना चाहिए।
4. ऐसा दरवाजा नहीं होना चाहिए जो अपने आप खुलता या बंद हो जाता हो।
5. घर का मुख्य द्वार बाहर की ओर खुलने वाला नहीं होना चाहिए।
6. कुछ दरवाजे ऐसे होते हैं जिनमें खिड़कियां होती हैं ऐसे दरवाजों में वास्तुदोष हो सकता है।
7. मुख्य द्वार त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज की आकृति वाला नहीं होना चाहिए।
8. मुख्य दरवाजा छोटा और उसके पीछे का दरवाजा बड़ा नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाजा बड़ा होना चाहिए।
9. घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए।
10. घर में दो मुख्‍य द्वार हैं तो वास्तुदोष हो सकता है। विपरीत दिशा में दो मुख्य द्वार नहीं बनाना चाहिए।
main door decoration
ऐसा दरवाजा होना चाहिए:-
1. दरवाजा सागौन, शीशम या अखरोट की लकड़ी का होना चाहिए।
2. दो पल्ले वाला दरवाजा ही शुभ होता है।
3. मुख्य दीवार, जिसमें आपको दरवाजा लगाना है उसे नौ बराबर भागों में बांटिए। दाएं से पांच भाग छोड़कर तथा बाएं से तीन भाग छोड़कर बीच में बचे खाली भाग में दरवाजा लगाएं।
4. घर का मुख्यद्वार घर के अन्य सभी दरवाजों से बड़ा होना चाहिए। घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए।
5. मुख्यद्वार घर के बीचों-बीच न होकर दाईं या बाईं ओर स्थित होना चाहिए।
6.घर के मुख्यद्वार का दरवाजा अंदर की ओर खुलना चाहिए।
7. दरवाजे की चौखट मजबूत होना चाहिए। उसकी देहलीज भी बड़ा और मजबूत होना चाहिए।
8. वंदनवार, ॐ और स्वास्तिक से दरवाजे पर अच्‍छे से सजावट करना चाहिए।
9. दरवाजे का रंग हल्का पीला, बेज या लकड़ी जैसा होना चाहिए।
10. दरवाजे का आकार न छोटा हो और न ही बहुत बड़ा होना चाहिए। मुख्य दरवाजे की लंबाई उसकी चौड़ाई से दोगुना होनी चाहिए।