मंगलवार, 25 नवंबर 2025
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Written By WD Feature Desk

भादो माह में क्या नहीं खाना चाहिए और क्या करना चाहिए?

What not to eat in Bhadrapada
Bhadrapada month rituals: भाद्रपद मास, जिसे भादो का महीना भी कहते हैं, हिंदू पंचांग का छठा महीना है। धार्मिक और स्वास्थ्य, दोनों ही दृष्टियों से इस महीने में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी माना गया है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं इस माह क्या न खायें और क्या-क्या करें...ALSO READ: 16 अगस्त को होगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें क्यों और कैसे मनाएं?
 
भाद्रपद मास में क्या नहीं खाना चाहिए?
आयुर्वेद और ज्योतिष दोनों में ही भाद्रपद मास में कुछ चीजों का सेवन वर्जित माना गया है, क्योंकि इस महीने में मौसम में बदलाव होता है जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
 
• दही और उससे बनी चीजें: भादो के महीने में दही और दही से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इससे कफ, सर्दी-जुकाम और गले में खराश जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
 
• गुड़ और शहद: इस माह में गुड़ का सेवन करने से पेट संबंधी बीमारियां और बोलने में दिक्कत हो सकती है। इसी तरह शहद का सेवन भी इस महीने में अच्छा नहीं माना जाता है।
 
• पत्तेदार सब्जियां: सावन की तरह ही भादो में भी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें नमी के कारण बैक्टीरिया और कीड़े पनप सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
 
• अधिक मसालेदार भोजन: इस महीने में ज्यादा मसालेदार, तीखा और तला-भुना खाना खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे पेट खराब हो सकता है।
 
• मांस-मदिरा: भाद्रपद मास में तामसिक भोजन, जैसे मांस और मदिरा का सेवन पूरी तरह वर्जित माना गया है।
 
भाद्रपद मास में क्या करना चाहिए? यह महीना भक्ति, पूजा और दान-पुण्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है: 
 
• भगवान कृष्ण और गणेश जी की पूजा: भाद्रपद मास में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) और गणेश चतुर्थी जैसे महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। इस पूरे महीने भगवान कृष्ण और गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना करें।
 
• पवित्र नदियों में स्नान: इस माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। अगर नदी में जाना संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
 
• मंत्र जाप: इस महीने में 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' और 'ॐ गं गणपतये नमः' जैसे मंत्रों का जाप करना बहुत लाभकारी होता है, जिससे मन को शांति मिलती है।
 
• गौ सेवा और दान: इस महीने में गौ सेवा का विशेष महत्व है। गायों को हरा चारा खिलाने और उनकी देखभाल करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र का दान करना भी शुभ माना जाता है।
 
• भगवत गीता का पाठ: भाद्रपद मास में श्रीमद् भगवत गीता का पाठ करने से आत्मबल बढ़ता है और जीवन में सही दिशा मिलती है।
 
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