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Written By ND

एक्वेरियम खरीदते समय रखें ध्यान

एक्वेरियम से संबंधित कुछ सलाह

एक्वेरियम
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एक्वेरियम और वास्तु का संबंध

मछली का एक्वेरियम यूँ तो लोग शौक से अपने घरों में रखते हैं लेकिन वास्तुशास्त्रियों की मानें तो बिना जानकारी लिए घर में एक्वेरियम रखना नुकसानदेय साबित हो सकता है। इतना ही नहीं एक्वेरियम को केवल शोपीस की तरह सजाने से काम नहीं चलता, बल्कि मछलियों की देखभाल करना भी जरूरी है। छोटे-बड़े विभिन्न साइज के एक्वेरियम हर किसी ने कभी न कभी तो देखा ही होगा। लेकिन ऐसा कम ही लोगों को पता होगा कि एक्वेरियम खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

वास्तु विशेषज्ञ मीना के अनुसार एक्वेरियम खरीदते हुए यह न सोचें कि आप उसे अपने घर की शोभा बढ़ाने के लिए खरीद रहे हैं। क्योंकि एक्वेरियम खरीदते हुए आपकी जिम्मेदारी मछलियों के प्रति भी बढ़ जाती है। एक्वेरियम खरीदने वाले शख्स को मछली के खान-पान का भी अच्छी तरह ध्यान रखना चाहिए। साथ ही समय-समय पर उसका पानी भी बदलना चाहिए। क्योंकि ऐसी बातों पर कम ही लोग ध्यान देते हैं, इसलिए उनके एक्वेरियम की मछलियाँ मर जाती हैं।

मीना के अनुसार अंदर से जब तक मोह नहीं होगा, तब तक पक्षी हो या छोटा-बड़ा कोई भी जानवर उसे आप नहीं पाल सकते हैं। ड्राइंग रूम को केवल सजाने भर के नाम पर बड़े से बड़ा एक्वेरियम रखना अक्लमंदी नहीं है।

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अन्य वास्तुशास्त्री पंडित जगराम के अनुसार जो लोग नॉनवेज खाते हैं। खासतौर से जो लोग मछली खाते हैं उन्हें अपने घर में एक्वेरियम नहीं रखना चाहिए। क्योंकि यदि आप मछली खाते हैं तो उसके प्रति दया भावना आप में नहीं जागेगी। वह शख्स नहीं पहचान पाएगा कि कब एक्वेरियम वाली मछली को पीड़ा हो रही है, कब उसे क्या चाहिए?

ऐसा कई बार देखने को मिला है कि मछली खाने वालों के घर में रखे एक्वेरियम अधिक दिन तक नहीं चल पाते। बिना किसी वजह के मछलियाँ खुद ही मर जाती हैं या फिर किसी चीज के अभाव में वह तड़प-तड़प कर मर जाती हैं। इससे उस शख्स को निजी व व्यवसायिक समेत विभिन्न तरीके के नुकसान का भी सामना करना पड़ता है।

पंडित जगराम ने बताया कि एक्वेरियम खरीदते समय यदि इन छोटी बातों का ख्याल रखा जाए तो एक्वेरियम की मछलियाँ काफी समय तक स्वस्थ रह सकती हैं।