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Last Modified: रविवार, 17 दिसंबर 2023 (10:31 IST)

क्या अयोध्या मस्जिद की आधारशिला रखने मक्का से आएंगे इमाम?

Dhannipur mosque
Ayodhaya Masjid : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर मुसलमानों को अयोध्या के धन्नीपुर में दी गई जमीन पर मस्जिद का निर्माण अगले साल मई से शुरू होने की संभावना है। इस बीच मस्जिद का निर्माण कर रहे इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने स्पष्ट किया कि मस्जिद की आधारशिला रखने के लिए सऊदी अरब के मक्का से मस्जिद-ए-हरम के इमाम को बुलाने का ट्रस्ट का अभी तक कोई इरादा नहीं है।
 
ट्रस्ट ने अगले साल फरवरी से इस परियोजना के लिए व्यापक रूप से चंदा जुटाने के मकसद से विभिन्न राज्यों और जिलों में एक-एक प्रभारी बनाने का भी इरादा किया है।
 
ट्रस्ट के मुख्य न्यासी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने बताया, 'अभी तक यही योजना है कि धन्नीपुर गांव में दी गई 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण अगले साल मई में शुरू हो जाएगा।'
 
फारूकी ने बताया, 'मस्जिद का अंतिम डिजाइन फरवरी के मध्य तक मिल जाने की संभावना है। उसके बाद उसे प्रशासनिक मंजूरी के लिए प्रस्तुत कर दिया जाएगा। फरवरी में ही परिसर में 'साइट ऑफिस' खोल दिया जाएगा। उम्मीद है कि हम मई तक मस्जिद का निर्माण शुरू करने की स्थिति में आ जाएंगे।'
 
फारूकी ने कहा कि कुछ वित्तीय बाधाओं के साथ-साथ मस्जिद के डिजाइन में आमूल-चूल बदलाव की वजह से नए सिरे से औपचारिकताएं शुरू किए जाने के कारण मस्जिद के निर्माण में देर हो रही है।
 
उन्होंने कहा कि भारत में मस्जिद का नाम आते ही लोगों के दिमाग में एक परंपरागत मस्जिद की आकृति उभरती है और इसी वजह से ट्रस्ट द्वारा तैयार की गई मस्जिद के डिजाइन की उतनी स्वीकार्यता नहीं थी, नतीजतन ट्रस्ट ने मस्जिद का नए सिरे से डिजाइन तैयार कराया है और अब यह मस्जिद 15 हजार वर्ग फुट के बजाय करीब 40 हजार वर्ग फुट में होगी।
 
वित्तीय सहायता के लिए चंदा इकट्ठा करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर फारूकी ने कहा, 'अभी हमने जिलों में जाने के कार्यक्रम को फिलहाल रोक रखा है। अभी ट्रस्ट से जुड़ी मुंबई की टीम इस मामले पर काम कर रही है और उम्मीद है कि एक-डेढ़ महीने में ट्रस्ट के पास पर्याप्त धन आ जाएगा।'
 
ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि सरकार द्वारा दी गई जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ एक अस्पताल, पुस्तकालय, सामुदायिक रसोई और एक संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि मस्जिद का नाम 'मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या मस्जिद' होगा और मुंबई के एक समूह से बात हुई है उसे निर्माण समिति का प्रभारी बनाया गया है। सबसे पहले मस्जिद ही बनाई जाएगी। मस्जिद का निर्माण कब तक पूरा हो जाएगा, हुसैन ने इस सवाल पर कहा कि यह धन की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
 
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपना फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है और अगले साल 22 जनवरी को मंदिर में विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जोरदार तैयारी की जा रही है।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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