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Written By Author अवनीश कुमार
Last Modified: शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021 (18:50 IST)

चौंकिए मत, यह रेलगाड़ी नहीं कानपुर का एक स्कूल है...

चौंकिए मत, यह रेलगाड़ी नहीं कानपुर का एक स्कूल है... - Unique school of Kanpur like train coaches
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में भीतरगांव के एक सरकारी विद्यालय ने अनोखे तरीके से विद्यालय को संवारा है और विद्यालय में बने कमरों को ट्रेन के कोच की तरह रंग-रूप दिया गया है। जिस तरह रेलगाड़ी के डिब्बे लाल रंग के होते हैं, ठीक उसी तरह लाल रंग से इसकी सजावट की गई है। इस स्कूल की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। इस स्कूल की तारीफ रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी की है। 

ट्रेन के डिब्बे जैसी दिखती हैं दीवारें : भीतरगांव स्थित उच्च परिषदीय विद्यालय बेहटा गंभीरपुर के स्कूल की दीवारों को लाल रंग से रंगवाया गया है और विद्यालय के हर कमरे को ट्रेन के डिब्बों की शक्ल दी गई है। विद्यालय को इतने खूबसूरत ढंग से तैयार किया गया है कि एक्सप्रेस ट्रेन का मजा बच्चों को विद्यालय के कमरों में ही मिलता है।
 
उन्हें ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि वह एक्सप्रेस ट्रेन में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। खास बात यह है कि कायाकल्प के बाद विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ गई है और बच्चे अब समय पर स्कूल आने लगे हैं। 

यूट्यूब से मिली प्रेरणा : शिक्षकों की मानें तो विद्यालय के प्रधानाचार्य ने परिषदीय विद्यालय बेहटा गंभीरपुर को नया रूप देने के लिए यू-ट्यूब पर राजस्थान के एक स्कूल की तस्वीरें देखी थीं। राजस्थान का यह विद्यालय पूरी तरह से रेलवे कोच की तरह दिख रहा था।
 
इस स्कूल की फोटो लेने के बाद प्रधानाचार्य ने ग्राम पंचायत अधिकारी से बात कर अपने स्कूल को भी रेलवे कोच जैसा आकार देने की बात कही। आनन-फानन ही डिजाइन तैयार हुई और स्कूल को रेलवे का कोच जैसा बनवा दिया। नए रंग-रूप के बाद विद्यालय काफी सुर्खियों में आ गया है।

रेल मंत्री ने की तारीफ : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर विद्यालय की फोटो शेयर करते हुए तारीफ की और कहा कि बच्चों में स्कूल जाने के प्रति उत्सुकता और उनको प्रोत्साहित करने के लिए कानपुर स्थित भीतरगांव में एक स्कूल को ट्रेन के कोच जैसा रंगा गया। इस प्रकार के प्रयोग बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

क्या बोलीं प्रधानाध्यापक : प्रधानाध्यापक ईला पांडेय ने फोन पर बताया कि विद्यालय को नया रूप-रंग मिला तो हर किसी ने इसकी सराहना की है। बच्चे भी स्कूल की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और उनकी संख्‍या भी बढ़ रही है।
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