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Last Updated :संभल (यूपी) , सोमवार, 19 मई 2025 (12:56 IST)

संभल शाही जामा मस्जिद विवाद पर हाईकोर्ट आज सुनाएगा अहम फैसला कि ASI सर्वेक्षण होगा या नहीं, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

उत्तरप्रदेश के संभल जिले की विवादित शाही जामा मस्जिद के मामले में सोमवार, 19 मई 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। उम्मीद की जा रही है कि कोर्ट दोपहर 2 बजे अपना अहम फैसला दे देगा

sambhal jama masjid
Sambhal Jama Masjid Dispute: उत्तरप्रदेश के संभल जिले की विवादित शाही जामा मस्जिद (Sambhal Shahi Jama Masjid) के मामले में सोमवार, 19 मई 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) अपना फैसला सुनाएगा। उम्मीद की जा रही है कि कोर्ट दोपहर 2 बजे अपना अहम फैसला दे देगा। यह निर्णय उस सिविल रिवीजन याचिका पर आधारित होगा, जो मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट में दायर की थी। नवंबर 2024 में संभल की सिविल कोर्ट याचिकाकर्ताओं द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मस्जिद का सर्वेक्षण करने के दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी।
 
क्या है पूरा मामला? : मोहल्ला कोट पूर्वी, संभल में स्थित इस शाही जामा मस्जिद को लेकर उस समय विवाद शुरू हुआ था, जब हिन्दू पक्ष ने दावा करते हुए कहा था कि यह मस्जिद प्राचीन श्री हरिहर मंदिर के स्थान पर बनाई गई है। अपने दावे को लेकर हिन्दू पक्ष ने सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर मस्जिद परिसर की ऐतिहासिकता की जांच कराने की मांग की थी।ALSO READ: UP : संभल की शाही जामा मस्जिद सर्वे विवाद पर हाईकोर्ट में कल होगी सुनवाई
 
हिन्दू पक्षकारों का तर्क है कि मस्जिद की नींव और संरचना में कई ऐसे पुरातात्विक संकेत आज भी मौजूद हैं, जो श्री हरिहर मंदिर होने की तरफ इशारा करते हैं।
 
 हिन्दू पक्षकारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए संभल की सिविल कोर्ट ने 19 नवंबर 2024 को एएसआई को मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया और कहा कि कोर्ट सर्वेक्षण के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि विवादित स्थल पर पूर्व में मंदिर था या नहीं?
 
मस्जिद कमेटी का विरोध और हाईकोर्ट की सुनवाई : सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन याचिका दाखिल की। मुस्लिम पक्षकारों का तर्क था कि सिविल कोर्ट ने बिना किसी ठोस आधार और साक्ष्य के जल्दबाजी में एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दे दिया, जो न केवल न्याय प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है बल्कि इससे आपसी सौहार्द बिगड़ सकता है और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।ALSO READ: संभल की जामा मस्जिद पर लगे साइन बोर्ड को बदल सकता है ASI, जानिए वजह
 
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों की याचिका पर 13 मई 2025 में दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनीं और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला आज यानी सोमवार दोपहर 2 बजे आने वाला है जिसके चलते संभल में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। सभी लोगों फैसले को लेकर उत्सुकता बनी हुई है।
 
हाईकोर्ट का यह फैसला केवल संभल के विवादित मस्जिद के लिए नहीं, बल्कि देशभर में चल रहे ऐसे अनेक विवादों के लिए नजीर भी बन सकता है। यदि हाईकोर्ट के फैसले में मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज होती है तो एएसआई को सर्वेक्षण की अनुमति मिल जाएगी और मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक व ऐतिहासिक परीक्षण शुरू होगा। पूर्व में भी वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर और मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मामले में भी ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर अदालत निर्देश दिए जा चुकी हैं, वहीं अगर हाईकोर्ट एएसआई सर्वेक्षण आदेश को रद्द कर देता है तो मस्जिद कमेटी को राहत मिल जाएगी।ALSO READ: संभल में उपद्रवियों ने जो ईंट पुलिसकर्मियों पर फेंकी, उनसे बना डाली चौकी, लिख दिया कृष्ण का उपदेश
 
फैसला पक्ष में न आने पर सुप्रीम कोर्ट का होगा रुख : हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्षों में होईकोर्ट के निर्णय को लेकर उत्सुकता बरकरार है। दोनों तरफ से संकेत मिल रहे हैं कि फैसला उनके विरुद्ध आएगा तो वह लोग सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। ऐसे में यह मामला लंबे समय तक खिंच सकता है। हाईकोर्ट का आज आने वाला यह फैसला न केवल इस विशेष स्थल की ऐतिहासिकता और धार्मिक दावों की दिशा तय करेगा, बल्कि इससे जुड़े कानूनी और सांप्रदायिक पहलुओं पर भी गहरी छाप छोड़ेगा। फैसले से पहले संभल के पुलिस-प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, वहीं सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि कोई असामाजिक तत्व अफवाह या भड़काऊ सामग्री फैलाकर जिले का माहौल खराब न कर सके।(फ़ाइल चित्र)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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