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Written By Author हिमा अग्रवाल
Last Updated : सोमवार, 9 अगस्त 2021 (14:53 IST)

यूपी में बाढ़ : शिव की नगरी काशी में गंगा का तांडव, जलमग्न हुए गलियारे

यूपी में बाढ़ : शिव की नगरी काशी में गंगा का तांडव, जलमग्न हुए गलियारे - Floods in UP, Ganga water filled the streets in Banaras
मुख्य बिन्दु-
  • मणिकर्णिका घाट पर पानी भरने से अंतिम संस्कार में परेशानी
  • काशी के सड़कों पर चल रही हैं नौकाएं
  • सैकड़ों बीघा सब्जी की फसल हुई जलमग्न
 
रुद्र की पावन नगरी में आजकल गंगा का रौद्ररूप दिखाई दे रहा है। वाराणसी की सड़कों और गलियों में चारों तरफ जल ही जल दिखाई दे रहा है। केन्द्रीय एल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 को पार करके 71.43 पर पहुंच गया है। इसमें 1 से 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। फिलहाल गंगा की रफ्तार खतरे के निशान से ऊपर है।
 
वाराणसी शहर के कई कालोनियों मे गंगा का पानी घुसने के कारण नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, वहीं दशाश्वमेध और अस्सी घाट का गंगा जल सड़कों पर आ गया है। जिन तटवर्ती क्षेत्रों में घाटों का पानी प्रवेश कर गया है, वहां के लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। वहीं, गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा की तरफ भी नदी का रुख हो गया है।
बाढ़ के कहर के चलते पानी घरों में घुस रहा है, जिसके चलते गंगा का रौद्र रूप देखकर निचले इलाकों में रहने वाले निवासी दहशत में हैं। जहां शहरी कॉलोनियों में पानी घुसा है, वहां नाव के जरिए जरूरत की चीजें भेजने की व्यवस्था भी की गई है। गंगा के उफान और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगा में निगरानी बढ़ा दी गई है।
 
दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, मणिकर्णिका घाट की गलियों में नाव चल रही है। अस्सी चौराहे पर भेलूपुर पुलिस ने बैरिकेडिंग करते हुए रास्ता बंद कर दिया है। वहीं नगवां की तरफ से आने वाले रास्ते पर भी पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग कर दी गई है।

मदरवा, मारुति नगर में पानी घुसने से 150 परिवार प्रभावित हुए हैं, यहां की गलियां पानी से लबालब होने के कारण घुटने से ऊपर पानी भर गया है, जिसके चलते यहां के रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालकर उनके रिश्तेदारों या अन्यत्र स्थान पर भेजा जा रहा है। गांवों में पानी बढ़ने से रमना गांव में सैकड़ों बीघा से अधिक सब्जी की फसल जलमग्न हो गई है। 
 
वाराणसी का मणिकर्णिका घाट पानी में डूबने के कारण अंतिम संस्कार में भी समस्या पैदा हो रही है। इसलिए सड़क के ऊपर बने प्लेटफार्म पर अंतिम संस्कार किया जा रहा हैं। वहीं हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में शवदाह किया जा रहा है। शवों का संस्कार करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, वही गंगा के घाटों का आपस में सम्पर्क खत्म हो चुका है।