प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश शास्त्री' का निधन
वाराणसी। संस्कृत के विद्वान तथा भाषाविद् महामहोपाध्याय पद्मश्री प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश शास्त्री' का निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।
परिजनों के अनुसार वागीश शास्त्री पिछले कई दिनों से उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे। उन्होंने बताया कि वाराणसी के एक निजी चिकित्सालय में उनका इलाज चल रहा था, जहां बुधवार की देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
आचार्य वागीश शास्त्री को 1982 में ही काशी पंडित परिषद की ओर से महामहोपाध्याय की उपाधि दी गई थी। डॉ. शास्त्री को 2018 में पद्मश्री और वर्ष 2013 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्मश्री से सम्मानित संस्कृत के विद्वान प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी (वागीश शास्त्री) के निधन पर शोक जताया और कहा कि युवाओं के बीच संस्कृत को लोकप्रिय बनाने में अमूल्य योगदान दिया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रख्यात भाषाविद व विद्वान, पद्म श्री प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी वागीश शास्त्री जी का निधन अत्यंत दुःखद और ज्ञान परंपरा की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें।